
वाराणसी – दालमंडी सडक चौडीकरण परियोजना को लेकर एक तरफ जहां समाजवादी पार्टी की एंट्री से सियासी पारा चढने लगा है वहीं शहर ए मुफ्ती अब्दुल बातिन नोमानी ने आज दालमंडी क्षेत्र का दौरा कर प्रभावित परिवारों से बातचीत की. उन्होंने कहा कि विकास को समर्थन है लेकिन धार्मिक स्थलों का विनाश बर्दाश्त नही होगा. अंजुमन इंतजामिया कमेटी ने मस्जिदों के संरक्षण को लेकर कड़ा संदेश दिया है. मौलाना अब्दुल बातिन नोमानी कमेटी के लोगों और समर्थकों के साथ दालमंडी की गलियों में घूमें. दुकानदारों से बातचीत की. कहाकि विकास का स्वागत, लेकिन किसी भी धार्मिक स्थल के विनाश को कभी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

मस्जिदों के संरक्षण के लिए करेंगे संघर्ष
बता दें कि दालमंडी चौड़ीकरण परियोजना के तहत करीब 650 मीटर लंबी इस सड़क को 17 मीटर चौड़ा किया जाएगा। जो काशी विश्वनाथ मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं के लिए वैकल्पिक मार्ग होगा. योगी सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना में 187 भवनों का ध्वस्तीकरण होना है. वहीं शहर ए मुफ्ती मौलाना अब्दुल बातीन नोमानी ने दर्जनों पदाधिकारियों के साथ दालमंडी का दौरा किया और प्रभावित लोगों से मुलाकात की. उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहाकि हम विकास के पक्ष में हैं, लेकिन यह विकास किसी की आस्था या आजीविका का विनाश नहीं कर सकता. दालमंडी में आने वाली मस्जिदों के संरक्षण के लिए हम कानूनी और सामाजिक स्तर पर लड़ाई लड़ेंगे. शहर ए मुफ्ती ने प्रभावित परिवारों को रजिस्ट्री न कराने की सलाह दी और प्रशासन से मांग की कि पहले इनकी रोजी-रोटी की व्यवस्था की जाय. स्थानीय लोगों का कहना है कि परियोजना शहर की भीड़ कम होगी लेकिन धार्मिक स्थलों के संरक्षण की मांग न्यायोचित है. अंजुमन कमेटी के इस रुख से प्रशासन पर दबाव बढ़ गया है. डीएम सतेंद्र कुमार ने आश्वासन दिया कि सभी पक्षों की भावनाओं का सम्मान करते हुए परियोजना को आगे बढ़ाया जाएगा. “हम संवाद के जरिए समाधान निकालेंगे, ताकि विकास और संरक्षण दोनों का संतुलन बना रहे.

योजना का विरोध
बता दें कि दालमंडी चौड़ीकरण परियोजना के दायरे में लगभग आधा दर्जन मस्जिदें और डेढ़ सौ से अधिक भवन आ सकते हैं. ऐसे में अंजुमन इंतेजामिया कमेटी ने सरकार को चेतावनी दी है कि यदि मस्जिदों के खिलाफ कोई कार्रवाई हुई तो उसका विरोध किया जाएगा और कानूनी लड़ाई लड़ी जाएगी. कमेटी के संयुक्त सचिव एसएम यासीन ने कहा कि यह योजना सिर्फ विकास की नहीं बल्कि राजनीतिक साजिश है, जिसका विरोध होगा.




