
वाराणसी : भारत रत्न, पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी जी की जयंती अवसर पर बुधवार को मैदागिन स्थित कांग्रेस कार्यालय राजीव भवन में विशेष कार्यक्रम का आयोजन हुआ. इस दौरान जिला एवं महानगर कांग्रेस कमेटी के संयुक्त तत्वावधान में दुर्गा सप्तशती का विशेष, पूर्णाहुति युक्त पाठ किया गया. पूरे परिसर में वैदिक मंत्रों की अनुगूंज, दीप प्रज्वलन और सुगंधित धूप से आस्था, ऊर्जा और संकल्प का वातावरण बना रहा. कार्यक्रम में जिला कांग्रेस कमेटी, महानगर कांग्रेस कमेटी, ब्लॉक तथा वार्ड स्तर के पदाधिकारी, वरिष्ठजन और बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं की उपस्थिति रही. सभी ने पुष्पांजलि अर्पित कर इंदिरा गांधी के अद्वितीय योगदान को नमन किया.

अनुशासन और अदम्य साहस की थीं प्रतिमूर्ति
जिलाध्यक्ष राजेश्वर सिंह पटेल ने कहा कि इंदिरा गांधी वह शक्ति थीं जिन्होंने भारत को संकटों से निकालकर एक सशक्त राष्ट्र के रूप में खड़ा किया. इंदिरा गांधी केवल एक राजनीतिक व्यक्तित्व नहीं, बल्कि भारत की दृढ़ता, संकल्प, अनुशासन और अदम्य साहस की प्रतिमूर्ति थीं. उन्होंने ऐसे समय में देश को नेतृत्व दिया, जब विश्व राजनीति उथल-पुथल से गुजर रही थी, फिर भी भारत को स्थिरता, दिशा और सम्मान दिलाया. बैंक राष्ट्रीयकरण ने आर्थिक असमानता को चुनौती दी. बांग्लादेश मुक्ति संग्राम में उनके साहस और निर्णायक नेतृत्व ने इतिहास रच दिया. हरित क्रांति ने कृषि को मजबूत किया व किसानों को नई ताकत दी. गरीबी हटाओ जैसे संकल्प देश की बहुसंख्यक आबादी के अधिकारों की रक्षा के लिए थे. आज जब लोकतांत्रिक मूल्य और संवैधानिक संस्थाएँ दबाव में हैं, इंदिरा जी की विचारधारा—साहस, न्याय और जनता के प्रति निष्ठा—हम सभी कांग्रेसजनों को शक्ति देती है.

आज भी हैं प्रेरणा का स्रोत
महानगर अध्यक्ष राघवेन्द्र चौबे ने कहा की इंदिरा जी का नेतृत्व वह पर्वत था, जिस पर कठिन परिस्थितियाँ भी असर नहीं डाल पाती थीं. इंदिरा गांधी के नेतृत्व में भारत ने दुनिया में अपनी एक मजबूत, आत्मविश्वासी और निर्णायक आवाज बनायी. उन्होंने अन्याय, आतंरिक चुनौतियों और बाहरी दबावों के आगे कभी झुकना नहीं सीखा. नारी शक्ति, राष्ट्रीय सुरक्षा, वंचितों के अधिकार, वैज्ञानिक प्रगति—हर क्षेत्र में इंदिरा जी ने ऐसी दिशा दी, जो आज भी प्रेरणा का स्रोत है. जब देश सामाजिक-आर्थिक ,अन्य चुनौतियों से गुजर रहा है, इंदिरा गांधी का संघर्षशील जीवन हमें बताता है कि जनसेवा ही राजनीति का सर्वोच्च धर्म है. उनके सपनों का भारत बनाने के लिए लगातार संघर्ष जारी रहेगा.
इसके उपरांत आज सुबह कांग्रेस परिवार के मनीष मोरोलिया के माता जी के ब्रेन हेमरेज के कारण निधन होने की सूचना पर मौन श्रद्धांजलि अर्पित कर शोक व्यक्त किया गया.

इनकी रही मौजूदगी
इस अवसर पर राजेश्वर सिंह पटेल, राघवेन्द्र चौबे, प्रजानाथ शर्मा, फसाहत हुसैन बाबू, दुर्गा प्रसाद गुप्ता, सतनाम सिंह, देवेन्द्र सिंह, राजीव राम, प्रमोद वर्मा, संतोष चौरसिया, मनोज वर्मा, नित्यानंद पाण्डेय, आकाश त्रिपाठी, अनिल पटेल,अब्दुल हमीद डोडे, राजेन्द्र श्रीवास्तव, डॉ रमाशंकर पटेल, अखिलेश पाण्डेय, अमरेश पटेल, रमेश शर्मा, वंदना जायसवाल, मंजू मुखर्जी, रामजी गुप्ता, विकास पाण्डेय, प्रमोद यादव समेत कई कार्यकर्ता उपस्थित रहे.




