वाराणसी : मऊ में सड़क दुर्घटना में जान गंवाने वाले सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. हरेराम त्रिपाठी और उनकी पत्नी बादामी देवी का अंतिम संस्कार एक ही चिता पर हुआ. पद्मभूषण प्रो. वशिष्ठ त्रिपाठी के नगवां स्थित आवास से जब दो अर्थियां एक साथ उठी तो सभी की आंखें नम हो गईं.
प्रो. हरेराम त्रिपाठी और उनकी पत्नी का अंतिम संस्कार हरिश्चंद्र घाट पर हुआ और उनके बड़े बेटे राजगोपाल त्रिपाठी ने उन्हें मुखाग्नि दी. गौरतलब है कि देवरिया जाने के दौरान शनिवार को मऊ जिले के दोहरीघाट में हुए सड़क हादसे में दम्पती की मौत हो गई थी. प्रो. त्रिपाठी और उनकी पत्नी अपने पीछे दो पुत्र और तीन पुत्रियां छोड़ गए हैं.
कैंट विधायक सौरभ श्रीवास्तव, प्रो. त्रिपाठी के बड़े पुत्र राजगोपाल त्रिपाठी, छोटे पुत्र विनय गोपाल त्रिपाठी, वशिष्ठ त्रिपाठी के पुत्र शुकदेव त्रिपाठी, ट्रस्ट श्री जगन्नाथ जी के सचिव शैलेश त्रिपाठी सहित कई लोगों ने उनके शवों को कंधा देकर हरिश्चंद्र घाट तक पहुंचाया. इस दौरान रास्ते में भी कई लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी.