Former Vice Chancellor of Sampurnanand Sanskrit University and his wife died in a road accident
मऊ के दोहरीघाट में घटित एक दर्दनाक सड़क दुर्घटना में संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी के पूर्व कुलपति एवं कालिदास संस्कृत विश्वविद्यालय, रामटेक (नागपुर) के वर्तमान कुलपति हरेराम त्रिपाठी और उनकी पत्नी बादामी देवी का निधन हो गया. प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, राष्ट्रीय राजमार्ग पर एक खडे डंपर से तेज रफ्तार उनकी इनोवा कार टकरा गई.
टक्कर इतनी जोरदार थी कि कार के आगे के हिस्से के परखच्चे उड़ गए. राहगीरों ने तत्काल पुलिस और एंबुलेंस को सूचना दी. बचाव दल मौके पर पहुंचा और दोनों को नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. पुलिस ने वाहन को सड़क किनारे हटाकर यातायात सामान्य कराया और घटना की तकनीकी जांच शुरू कर दी है. पूर्व कुलपति बिहार के गोपालगंज जिला के मीरगंज निवासी थे.
पुलिस का कहना है कि मामले में दुर्घटना के कारणों, तेज रफ्तार, ओवरटेकिंग या अचानक ब्रेक—की हर संभावना की जांच की जा रही है. बताते हैं कि एयरबैग खुलने के बाद भी दनकी जान नहीं बच सकी. आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज भी खंगाली जा रही है और प्रत्यक्षदर्शियों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं. प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि अफवाहों से बचें और आधिकारिक जानकारी पर भरोसा करें.
संपूर्णानंद विश्वविद्यालय प्रशासन ने गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा कि पूर्व कुलपति का जाना संस्थान के लिए अपूरणीय क्षति है. कैंपस में शोकसभा आयोजित की गई और निर्धारित कार्यक्रमों को स्थगित कर दिया गया. शिक्षकों, छात्रों और पूर्व विद्यार्थियों ने सामाजिक मीडिया व प्रत्यक्ष रूप से संवेदनाएं प्रकट की. कई विद्वानों ने याद किया कि कुलपति ने संस्कृत शिक्षा के प्रसार, शोध कार्यों को प्रोत्साहन और डिजिटल पहल को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.