वाराणसीः काशी हिंदू विश्वविद्यालय परिसर में रविवार देर रात उस समय तनाव का माहौल बन गया, जब आईआईटी बीएचयू और बिरला हॉस्टल के छात्रों के बीच कहासुनी मारपीट में बदल गई. इस झड़प में आईआईटी के कुछ छात्रों को चोटें भी आईं. घटना की सूचना पाकर मौके पर पुलिस और प्रॉक्टोरियल बोर्ड की टीम पहुंची और किसी तरह दोनों पक्षों को शांत कराया. फिलहाल पूरे कैंपस में एहतियातन सुरक्षा बढ़ा दी गई है और छात्रों को हॉस्टल में ही रहने की सलाह दी गई है.
बैरियर को लेकर विवाद
गौरतलब है कि पिछले साल आईआईटी बीएचयू की एक छात्रा के साथ हुई सामूहिक दुष्कर्म की घटना के बाद से कैंपस में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है. सुरक्षा के मद्देनज़र कई जगह बैरियर लगाए गए हैं और रात 10 बजे के बाद किसी भी छात्र या बाहरी व्यक्ति को उन रास्तों से गुजरने की अनुमति नहीं होती. आईआईटी प्रशासन का कहना है कि यह कदम छात्रों की सुरक्षा के लिए उठाया गया है. हालांकि, बीएचयू के कई छात्र लंबे समय से इस फैसले का विरोध करते आ रहे हैं. उनका कहना है कि इन बैरियरों की वजह से कैंपस के भीतर आने-जाने में दिक्कतें होती हैं. रविवार की रात भी इसी मुद्दे पर बिरला हॉस्टल के छात्रों और आईआईटी के छात्रों के बीच कहासुनी शुरू हुई. मामला इतना बढ़ गया कि हाथापाई तक की नौबत आ गई.
सड़क पर उतरे आईआईटी छात्र
जब आईआईटी हॉस्टल में रह रहे छात्रों को अपने साथियों के साथ मारपीट की खबर मिली, तो बड़ी संख्या में छात्र हॉस्टल से बाहर निकलकर बिरला हॉस्टल की ओर बढ़ गए. छात्रों का कहना था कि आए दिन बैरियर को लेकर विवाद खड़ा किया जाता है और आईआईटी छात्रों को निशाना बनाया जाता है. इससे नाराज छात्र विरोध जताने के लिए सड़क पर उतर आए. दोनों छात्रावास के छात्र आमने-सामने हो गए हालांकि प्राक्टोरियल बोर्ड और पुलिस की टीम मौके पर पहुंच गई.
प्रशासन की अपील
आईआईटी बीएचयू और बीएचयू प्रशासन ने छात्रों से शांति बनाए रखने की अपील की है. अधिकारियों का कहना है कि कैंपस में सुरक्षा और अनुशासन प्राथमिकता है और छात्रों को किसी भी प्रकार की समस्या हो तो वे बातचीत के जरिए उसका समाधान निकालें, न कि विवाद और मारपीट के जरिए.
फिलहाल, पुलिस ने एहतियातन कैंपस के संवेदनशील इलाकों में गश्त तेज कर दी है. पुलिस अधिकारियों ने साफ कर दिया है कि दोबारा ऐसी स्थिति पैदा हुई तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी. वहीं सुबह तक डायरेक्टर आफिस के बाहर विवाद जारी रहा.
सुबह 4 बजे बाहर आओ-बाहर आओ का लगता रहा नारा
राजपूताना हॉस्टल के बाहर छात्र रात लगभग दो बजे तक विरोध करते हुए दिखे. इसके बाद उन्हें शांत करा कर हॉस्टल में भेजा गया लेकिन कुछ देर बाद सभी छात्र डायरेक्टर ऑफिस पहुंच गए. वहां छात्र डायरेक्टर को बाहर आने की बात करने लगे. छात्रों की मांग है कि उनकी सुरक्षा मजबूत की जाए क्योंकि उनके साथ हमेशा ऐसी घटनाएं होती है. हालांकि मौके पर पुलिस प्रशासन के लोग मौजूद रहे लेकिन छात्रों और आईआईटी के अधिकारियों के बीच बात विवाद भी होता रहा. इस दौरान सुबह 4 बजे तक छात्र डायरेक्ट बाहर आओ- बाहर आओ का नारा लगाते हुए दिखे.