
वाराणसी : नवरात्र के पावन अवसर पर काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) का पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग सोमवार को एक विशेष पहल का साक्षी बना. विभाग के छात्रों ने परिसर में पौधारोपण कर अपनी मां को समर्पित एक अनोखा संदेश दिया. “एक पेड़ मां के नाम” शीर्षक से आयोजित इस कार्यक्रम ने न सिर्फ पर्यावरण संरक्षण की दिशा में कदम बढ़ाया, बल्कि मातृत्व और भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों की गरिमा को भी उजागर किया.

कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए विभागाध्यक्ष डा. शोभना नार्लीकर ने कहा कि यह पहल विद्यार्थियों को प्रकृति की जिम्मेदारी समझने और मातृत्व की भावना से जुड़ने का अवसर देती है. उन्होंने कहा— “जब कोई छात्र अपनी मां के नाम पर एक पौधा लगाता है, तो यह न केवल हरियाली का वादा है बल्कि मातृत्व के सम्मान का प्रतीक भी है.” नवरात्र जैसे शुभ समय में इस अभियान को विशेष रूप से मां दुर्गा और मां धरती को नमन करते हुए जोड़ा गया.
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के चिकित्सा विज्ञान संस्थान के निदेशक डा. एसएन शंखवार मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे. उन्होंने छात्रों की इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि युवा पीढ़ी अगर इसी भावना से आगे बढ़े तो समाज और प्रकृति दोनों का भविष्य सुरक्षित होगा. विशिष्ट अतिथि के रूप में कला संकाय की डीन प्रो. सुषमा ने भी छात्रों का उत्साहवर्धन किया.
पौधारोपण अभियान में विभाग के शिक्षक और छात्र-छात्राओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया. प्रो. अनुराग दवे, प्रो. धीरेंद्र राय, प्रो. नेहा पांडेय, डा. बाला लखेंद्र समेत छात्र सुजीत पासवान, विवेक सिंह सहित अनेक प्रतिभागियों ने मां के नाम पर पौधे लगाए.
हर छात्र ने अपने हाथों से पौधों को रोपित कर यह संकल्प लिया कि वे न केवल इन्हें संरक्षित करेंगे बल्कि आने वाली पीढ़ी के लिए हरियाली की धरोहर छोड़ेंगे. यह आयोजन केवल एक विभागीय कार्यक्रम नहीं था, बल्कि एक संदेश था कि यदि हर कोई अपनी मां के नाम पर एक पौधा लगाए तो धरती माता को हरियाली का आंचल फिर से मिल सकता है.





