
वाराणसी - ज्यो ज्यों दवा की मर्ज बढता गया. वाराणसी शहर में यातायात व्यवस्था कुछ इसी लाइन पर चल रही है. यातायात जाम से निपटने के लिए शहर के प्रमुख स्थानों और चौराहों को यू टर्न या वनवे में तब्दील किया जा रहा है. नई व्यवस्था में रामनगर चौराहा भी रूट डायवर्जन की श्रेणी में शामिल हो चुका है. कज्जाकपुरा ओवरब्रिज शुरू होने के बाद से जाम का नया स्पाट बना हुआ है. बीच में डिवाइडर लगाए जाने के बाद से बड़े वाहनों की आवाजाही के दौरान भीषण जाम लग रहा है. कैंट से पीडीडीयूनगर जाने वाले वाले बाहरी वाहन भी ओवरब्रिज पकड़कर सारनाथ की ओर निकल जा रहे हैं. साइनेज के अभाव और क्षेत्रों की विस्तृत जानकारी नहीं होने के चलते बाहरी गड़ियां चक्कर पर चक्कर मार रही हैं.
रूट डायवर्जन के तहत प्रमुख स्थानों पर वनवे किया गया है. बावजूद इसके लोगों को जाम से निजात नहीं मिल पा रही है. हर दिन जाम में फंसकर लोग परेशान हैं. कज्जाकपुरा ओवरब्रिज चालू होने के बाद से गोलगड्डा, कज्जाकपुरा मार्ग पर यातायात का दबाव अधिक है. छोटे वाहनों को दिक्कत नहीं है लेकिन बड़े वाहनों की आवाजाही के बाद से ही जाम लग रहा है. सुबह से देर शाम तक मार्ग प्रभावित रहता है. भोजूबीर और अर्दली बाजार, कचहरी, मैदागिन और लंका, भेलूपूर क्षेत्र भी डायवर्जन में आहत है.
वरुणा पुल से कचहरी की ओर जाते समय अंबेडकर पार्क के पास डायवर्जन है, इस कारण गड़ियों को जेपी मेहता रोड से यू टर्न लेकर कचहरी जाना पड़ रहा है. ऐसे में इस तफ वाहनों की लंबी लइन लग रही है. भोजूबीर तिराहे से यूपी कॉलेज की ओर जाते समय वनवे की व्यवस्था है. बकयदा टायर बर्स्टर लगाया गया है. यूपी कॉलेज या रिंग रोड पड़ने के लिए लोगों को सदर तहसील से यूटर्न लेकर आना पड़ रहा है. मैदागिन के पास यातायात डायवर्जन के चलते हर समय चारों तफ जाम लग रहा है. बैरिकेडिंग और अस्थाई डिवाइडर के बीच दोपहिया वाहन चालकों को चलना भी मु्किल हो रहा है.
राजघाट पुल पर मरम्मत और सामनेघाट पुल पर बढ़ते यातायात दबाव को देखते हुए नई व्यवस्था की गई. 18 दिसंबर से बड़ी गाड़ियां आवाजाही नहीं करेंगी. इन वाहनों को हाईवे के रास्ते मोहनसराय, अमरा अखरी और डाफी से आवाजाही करनी पड़ेगी. राजघाट पुल पर तो सिर्फ पैदल राहगीर और दोपहिया वाहनों को अनुमति है. ऑटो, ई-रिक्शा, कार, मालवाहक वाहनों को प्रतिबंधित कर दिया गया है.
इन वाहनों को रामनगर-सामनेघाट पुल की ओर डायवर्ट किया जाना है. सामनेघाट पुल पर भी यातायात दबाव को देखते हुए बड़े वाहन जैसे ट्रवेलर, स्कूल बस, मालवाहक वाहन आवाजाही नहीं करेंगे. यह वाहन हाईवे के रास्ते आवाजाही करेंगे. स्कूल संचालकों और अभिभावकों के लिए एक बड़ी समस्या है कि पुल से आवाजाही करने वाले स्कूल बसों को अमरा अखरी, मोहनसराय और डाफी की ओर से घूमकर आवाजाही करनी पड़ेगी. इससे समय और डीजल खर्च भी बढ़ रहा है.
राजघाट पुल और सामनेघाट पुल पर स्कूली बस आवाजाही नहीं करेंगी. इससे लगभग 5 हजार स्कूली बच्चे, कर्मचारी समेत अन्य प्रभावित होंगे. राजघाट पुल पर 10 हजार वाहन रोजाना आवाजाही करते हैं. एक से डेढ किमी की दूरी तय करने के लिए 15 से दो किमी की दूरी वाहन सवारों को तय करनी पड़ेगी.




