
वाराणसी - समाजवादी पार्टी के एमएलसी आशुतोष सिन्हा का नाम मतदाता सूची से कटने के सवाल पर विराम लग गया है. मंडलायुक्त एस राजलिंगम और जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार से आपत्ति के बाद सपा के स्नातक एमएलसी आशुतोष सिन्हा उनकी पत्नी, मां, भाई-भाभी का नाम मतदाता सूची में मिल गया. शुक्रवार की सुबह सपा के एक प्रतिनिधि मंडल ने जिलाधिकारी से मुलाकात कर इस संबंध में आपत्ति दर्ज कराई थी. बताया था कि उनका और उनके परिवार के चार सदस्यों के नाम मतदाता सूची में नहीं हैं. मामला जब मंडलायुक्त तक पहुंचा तो उन्होंने डीएम को जांच कराने के निर्देश दिए.
डीएम ने जांच कराई तो पता चला कि सदर तहसील के बूथ एमएलसी का नाम है. स्नातक एमएलसी ने कहा कि तीन दिसंबर को मतदाता सूची प्रकाशित हुई थी. उसमें केवल पिता रमेश चंद्र सिन्हा का नाम मतदाता सूची में क्वींस कॉलेज बूथ पर मिला था. मेरा और पत्नी तनु, मां उमा सिन्हा, भाई विशाल और भाभी ज्योति का नाम मतदाता सूची में नहीं था.
शुक्रवार की सुबह जब मंडलायुक्त और डीएम के समक्ष आपत्ति दर्ज कराई तो शाम को फोन आया कि आपका नाम तहसील वाले बूथ पर है.
क्वींस कालेज में फार्म जमा तो दूसरे बूथ पर नाम कैसे
एमएलसी का कहना है कि कि जब मैंने क्वींस काॅलेज में फाॅर्म जमा किया तो मेरा नाम तहसील पर कैसे गया. यदि मैं आपत्ति न करता तो मेरा नाम कट गया होता. परिवार एक है लेकिन सबके नाम अलग-अलग बूथों पर हैं. पत्नी का नाम बूथ संख्या 71, मां उमा का नाम बूथ संख्या 56, भाई विशाल का 18 तो भाभी ज्योति का नाम बूथ संख्या पांच पर दर्ज है. वहीं जिलाधिकारी का कहना है कि सपा एमएलसी और उनकी पार्टी के लोग आए थे. उन्होंने एक मांगपत्र दिया था. उसकी तत्काल जांच कराई गई तो सपा के स्नातक एमएलसी और उनके परिवार के चारों सदस्यों के नाम मतदाता सूची में मिल गए. उनका नाम तहसील वाले बूथ पर है.




