
MP Politics: मध्य प्रदेश की राजनीति में बयानबाज़ी का सिलसिला थमने के बजाय और तूल पकड़ता ही जा रहा है. दरअसल, भाजपा के वरिष्ठ मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने हाल ही में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के मंच पर चुंबन करने को लेकर एक घटिया टिप्पणी की और कहा, 'कौन सा जवान भाई अपनी जवान बहन को चौराहे पर चुंबन करता है, यह संस्कारों की कमी है', भाई-बहन के बीच का ये रिश्ता सार्वजनिक रूप से इस तरह के 'प्यार-दुलार' का प्रदर्शन भारतीय संस्कृति का हिस्सा नहीं है.

इसी बयान से प्रदेश की सियासत में भूचाल आ गया. जहां विपक्ष ने भाजपा पर जमकर निशाना साधा है. यह मामला सिर्फ कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा तक सीमित नहीं रहा, बल्कि अब यह भारतीय संस्कृति, परंपरा और नेताओं की भाषा तक भी पहुंच चुका है.

इस बिवादित बयानबाजी पर उनके ही कैबिनेट सहयोगी विजय शाह ने विजयवर्गीय का बचाव कर कहा कि, 'यह हमारी संस्कृति नहीं है. क्योंकि हमारी परंपराएं हमें यह सब करने की इजाज़त नहीं देती. अपने घर में कोई चाहे करे, लेकिन सार्वजनिक रूप से बिलकुल भी नहीं.' यह कहते हुए उन्होंने अपनी महिला सहयोगी विधायक कंचन तनवे का उदाहरण दिया और कहा, 'वह मेरी बहन हैं, तो क्या मैं मंच पर उन्हें खुलेआम चूमूंगा? हालांकि, भारतीय संस्कृति हमें ऐसा नहीं सिखाती.'

अपने ही बयानों को लेकर विवादों में घिरे भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय ने अपनी सफाई देना जरूरी समझा. जिस पर उन्होंने कहा कि, 'मैं राहुल-प्रियंका गांधी के रिश्ते की पवित्रता पर सवाल नहीं उठा रहा हूं. सभी रिश्ते पवित्र होते हैं... हालांकि, एक सीमा होती है, और मैं उसी का जिक्र कर रहा हूं. मैंने जो कहा है वह यह है कि विदेशों में ऐसा होता है, लेकिन भारत में ऐसा नहीं होता...मेरे बयानों को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है.

अगर आपने मेरा पूरा भाषण सुना होता, तो शायद इस तरह के सवाल नहीं उठते, क्योंकि मैंने केवल विदेशी संस्कृति और भारतीय संस्कृति के अंतर को लेकर बात की थी....'वहीं कांग्रेस नेताओं ने भाजपा पर कटाक्ष कर पार्टी पर व्यक्तिगत रिश्तों का अपमान करने का आरोप लगाया है. बड़ी बात तो ये है कि गलती मानने के बजाय भाजपा इसे विपक्ष द्वारा अनावश्यक विवाद खड़ा करने की कोशिश बताने में लगी हुई है.




