वाराणसी : शहर में अनुमानित 15 हजार से अधिक पालतू कुत्ते हैं, लेकिन नगर निगम में अब तक केवल 253 का ही रजिस्ट्रेशन हुआ है. इस लापरवाही को गंभीरता से लेते हुए नगर निगम की साधारण अधिवेशन बैठक में सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देकर तय किया गया कि दो माह के भीतर सभी पालतू कुत्तों का रजिस्ट्रेशन कराया जाएगा. निगम ने पहले चरण में 5 हजार कुत्तों का पंजीकरण करने का लक्ष्य रखा है.
सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन का पालन
मैदागिन स्थित टाउनहाल में महापौर अशोक कुमार तिवारी की अध्यक्षता में हुई बैठक में पालतू और आवारा कुत्तों की समस्या पर लंबी चर्चा हुई. पार्षद श्याम आसरे मौर्य ने कहा कि निगम सिर्फ औपचारिकता निभा रहा है, जबकि न तो पालतू कुत्तों का पूरा रजिस्ट्रेशन हुआ है और न ही पिछले पांच महीनों से कुत्तों का बंध्याकरण हो पाया है.उन्होंने सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के अनुसार पालतू कुत्तों का शत-प्रतिशत रजिस्ट्रेशन, आवारा कुत्तों का बंध्याकरण और एंटी-रेबीज टीकाकरण कराने की मांग की.
पहले चरण में पांच हजार का लक्ष्य
पशु चिकित्सा एवं कल्याण अधिकारी डॉ. संतोष पाल ने स्वीकार किया कि अब तक सिर्फ 253 पालतू कुत्तों का रजिस्ट्रेशन हो पाया है. उन्होंने बताया कि अब घर-घर जाकर पंजीकरण अभियान चलाया जा रहा है. साथ ही ऐढ़े में एबीसी (एनिमल बर्थ कंट्रोल) सेंटर के संचालन के लिए टेंडर किया जा चुका है और सितंबर के पहले सप्ताह से कुत्तों का बंध्याकरण शुरू करने की योजना है. महापौर ने निर्देश दिया कि 17 अक्टूबर तक कम से कम 5 हजार कुत्तों का रजिस्ट्रेशन हर हाल में पूरा होना चाहिए.