
वाराणसी: पुलिस कमिश्नरेट थाना कोतवाली, काशी मानव विकास समिति और श्री विश्वनाथ धर्माधारा फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में आज शनिवार को नवीन आपराधिक कानून जागरूकता अभियान 2.0 के तहत नुक्कड़ सभाओं का आयोजन किया गया. इस विशेष अभियान का उद्देश्य 1 जुलाई 2024 से लागू हुए तीन नए आपराधिक कानूनों — भारतीय न्याय संहिता (BNS), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS), और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA)— के महत्वपूर्ण प्रावधानों से आम जनता, विशेषकर युवाओं और महिला समूहों को अवगत कराना था.
जागरूकता अभियान के तहत थाना कोतवाली क्षेत्र में कुल तीन नुक्कड़ सभाएं आयोजित की गईं: पहला थाना कोतवाली के बाहर, दूसरा मैदागिन चौराहा पर और तीसरा हरिश्चंद्र डिग्री कॉलेज के सामने पार्क में.
सभा का शुभारंभ श्री विश्वनाथ धर्माधारा फाउंडेशन के वेदपाठी बच्चों के मंत्रोच्चार से हुआ, जिसने वातावरण को सकारात्मकता से भर दिया. संस्था के संस्थापक भुनाथं रघु राम शर्मा द्वारा मन्त्रों के अर्थ और दंड न्याय का उल्लेख शास्त्रों में बतलाया.

नए कानूनों के नागरिक-केंद्रित पहलुओं पर चर्चा
सभा में सहायक पुलिस आयुक्त, कोतवाली, अतुल अंजान त्रिपाठी ने नए कानूनों के नागरिक-केंद्रित पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की. उन्होंने कहा कि ये कानून औपनिवेशिक मानसिकता से बाहर निकलकर न्याय को "पीड़ित-केंद्रित" और "नागरिक-सुलभ" बनाने पर ज़ोर देते हैं. श्री त्रिपाठी जी ने विशेष रूप से ज़ीरो FIR और ई-FIR की सुविधाओं, महिला एवं बाल सुरक्षा के कठोर प्रावधानों और त्वरित न्याय की नई व्यवस्था पर प्रकाश डाला.
थानाध्यक्ष दयाशंकर सिंह ने अभियान के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा, "NCL 2.0 सिर्फ एक अभियान नहीं है, बल्कि पुलिस और जनता के बीच विश्वास को मजबूत करने का एक प्रयास है. हम चाहते हैं कि हर नागरिक इन नए कानूनों के तहत मिले अपने अधिकारों और सुरक्षा को समझे, ताकि न्याय की प्रक्रिया पारदर्शी और कुशल बन सके."

डिजिटल साक्ष्य की मान्यता पर जोर
उपनिरीक्षक अंकित सिंह ने डिजिटल साक्ष्य की मान्यता पर जोर दिया. उन्होंने बताया कि बीएसए के तहत, मोबाइल रिकॉर्डिंग, सीसीटीवी फुटेज और अन्य डिजिटल माध्यमों से प्राप्त साक्ष्यों को अब कानूनी मान्यता दी गई है, जिससे न्याय पाना और अपराधी को दंडित करना आसान होगा. महिला उपनिरीक्षक रोशनी नरवरिया ने महिला एवं बाल सुरक्षा के प्रावधानों पर चर्चा की. उन्होंने बताया कि बीएनएस में सामूहिक दुष्कर्म जैसे गंभीर अपराधों के लिए कठोरतम सज़ा का प्रावधान किया गया है.
इस जागरूकता कार्यक्रम में थाना कोतवाली से उपनिरीक्षक प्रशांत गुप्ता, उपनिरीक्षक विजय कुमार, महिला उपनिरीक्षक प्रेमलता सिंह, कॉन्स्टेबल शिवाजी चंद, केतन कुमार और महिला कॉन्स्टेबल रजनी सहित दर्जनों पुलिस बल मौजूद रहे. संस्था से शोभनाथ प्रजापति, शिवशंकर प्रजापति, मनोज चक्रवाल, उत्सव, ऐनुल होदा, कुसुम प्रजापति, समीर, दिलीप इत्यादि ने सक्रिय भागीदारी की.




