
वाराणसीः एक ओर श्रीकाशी विश्वनाथ के नए बने कारीडोर के चलते लगातार उमड़ रही भीड़ संग आने वाले पर्यटकों की संख्या में दिनों दिन बढ़ोतरी होती जा रही है. इसके चलते गंगा स्नान समेत नौकायन को लेकर भी लोगों की झुकाव तेजी से बढा है. इसका कारण है कि परम्परागत नावों के अलावा नए-नए तरह के क्रूज के चलने और उसमें दी जा रही सुविधाओं के चलते गंगा में भी जल यातायात का प्रभाव तेजी से बढ़ा है. इसी क्रम में जल यातायात और श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए गंगा नदी में 3 किलोमीटर लंबा फ्लोटिंग वाटर डिवाइडर बनाने की योजना बनाई है जो जल्द ही मूर्त रूप लेगी.

क्या खास होगा इस वाटर डिवाइडर में
गंगा में तैरने वाले फ्लोटर ब्रिक्स की मदद से इस डिवाइडर को बनाया जाएगा. इसके लिए नमो घाट से अस्सी घाट तक का मार्ग चिन्हित किया गया है. इस डिवाइडर के लग जाने से क्रूज़, बार्ज, रोइंग बोट और मोटर बोट तथा नावों के लिए अलग-अलग मार्ग रखे जाएंगे. इससे जहां गंगा में बोटिंग करने वाले श्रद्धालुओं संग पर्यटक निश्चित होकर घाट किनारे बने भवनों का नजारा लेने संग इसके इतिहास की जानकारी ले सकेंगे, वहीं दुर्घटनाओं का खतरा कम होगा.

बताया गया कि लगभग ₹3 करोड़ की लागत से बनने वाली इस परियोजना से गंगा घाटों पर सुरक्षा और व्यवस्था बेहतर होगी. इसका फायदा खासकर गंगा आरती और त्योहारों के दौरान गंगा में नौकायन के दौरान लोगों को मिलेगा.




