सड़क हादसों पर लगेगा ब्रेक: वाराणसी में नशे में वाहन चलाने वालों पर चला परिवहन विभाग का डंडा

वाराणसी: सड़क हादसों की सबसे बड़ी वजहों में से एक नशे की हालत में वाहन चलाना है. इसी खतरे को रोकने के लिए परिवहन विभाग की एक टीम ने वाराणसी में विशेष रात्रिकालीन अभियान शुरू किया है. इस दौरान टीम ने अलग-अलग स्थानों पर वाहनों की जांच की और चालकों का रैंडम ब्रेथ एनालाइजर टेस्ट कराया. अभियान की कमान एआरटीओ (प्रवर्तन) सुधांशु रंजन और यात्रीकर अधिकारी अखिलेश पांडेय ने संभाली.

रामनगर और पड़ाव में 40 वाहनों की जांच
परिवहन विभाग की टीम खासकर रामनगर और पड़ाव इलाके में सक्रिय रही. चेकिंग के दौरान कुल 40 वाहन चालकों का मौके पर ब्रेथ एनालाइजर टेस्ट किया गया. इनमें से एक चालक नशे में वाहन चलाते हुए पकड़ा गया, जिसके खिलाफ चालान की कार्रवाई की गई. अधिकारियों ने बताया कि अभियान लगातार आगे भी जारी रहेगा.

हादसों का बड़ा कारण है शराब पीकर वाहन चलाना
एआरटीओ सुधांशु रंजन ने बताया कि शराब पीकर वाहन चलाना सड़क हादसों का बड़ा कारण है. सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के आंकड़े बताते हैं कि देश में होने वाले कुल हादसों में लगभग 2.5% मामले नशे में गाड़ी चलाने की वजह से होते हैं. अक्सर ऐसी लापरवाही न केवल चालक की जान को खतरे में डालती है बल्कि अन्य निर्दोष लोगों की जिंदगी भी छीन लेती है.

जागरूकता के साथ सख्ती भी
परिवहन विभाग सिर्फ कार्रवाई ही नहीं कर रहा, बल्कि लगातार सड़क सुरक्षा को लेकर जागरूकता कार्यक्रम भी चला रहा है. जागरूकता रैलियों, पोस्टरों और कार्यशालाओं के माध्यम से चालकों को समझाया जा रहा है कि नशे में वाहन चलाना अपराध है और इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं.

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आगे भी जारी रहेगा अभियान
अधिकारियों ने साफ किया है कि यह अभियान केवल एक दिन का नहीं है. आने वाले दिनों में भी रात के समय विशेष जांच अभियान चलाया जाएगा. किसी भी चालक को यह छूट नहीं मिलेगी कि वह नशे की हालत में स्टीयरिंग थाम ले. अधिकारियों ने वाहन चालकों से अपील भी कि वे शराब पीकर वाहन न चलाएं. आपकी थोड़ी सी लापरवाही किसी की पूरी जिंदगी उजाड़ सकती है.

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