
वाराणसीः दिल्ली ब्लास्ट के बाद बीच गंगा में गुरुवार को एक बार फिर NSG संग एटीएस , एनडीआरएफ, जल पुलिस ने दूसरी बार मॉकड्रिल किया. माकड्रिल के दौरान गंभीर परिस्थितियों के दौरान गंगा में खड़े क्रूज में फंसे यात्रियों को निकालने के लिए सुरक्षाबलों ने रिहर्सल किया. इस दौरान क्रूज, नावों के आसपास वारलेस सेट से अलर्ट जवानों ने घेराबंदी कर कई यात्रियों को निकालकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया. गौरतलब है कि बीते रविवार को गंगा में रविदास घाट के सामने बीच गंगा में माकड्रिल किया गया था जिसमें वायुसेना का हेलीकाप्टर भी शामिल हुआ था.

गंगा में गूंजा सायरन, सैकड़ों जवानों को देख सहमे लोग
बता दें कि दिल्ला ब्लास्ट से पूर्व बनारस के लोग पांच बार आतंकियों के हमले में किए गए सीरियल ब्लास्ट का दंश झेल चुके हैं. इस बीच गुरुवार को दोपहर बीच गंगा में स्पीड बोट पर सवार काले , सेना तथा पुलिस की वर्दी में जवानों को एकाएक तेजी से चक्रमण करता देख घाट किनारे लोग संशकित हो उठे. देखते ही देखते बड़ी नावों

समेत एक क्रूज की दूर से सायरन बजाते हुए घेराबंदी कर जवानों का विभिन्न दस्ता वहां पहुंचा. वहीं दूर घाटों पर मौजूद लोग यह देख तरह-तरह की चर्चा करने में मशगूल हो गए. दूसरी ओर जवान अपने कार्य में व्यस्त रहे. बाद में पता चलने पर कि किसी आंतकी या आकस्मिक घटना से निबटने के लिए यह माकड्रिल था लोगों की जान में जान आई.

क्या दिल्ली की बजाय वाराणसी और अयोध्या था का आतंकियों का टारगेट ?
सूत्रों की माने तो दिल्ली के लालकिला के पास तीन पहले हुई ब्लास्ट की घटना को अचानक से अंजाम दिया गया था. बाद में जांच व कई लोगों की गिरफ्तारी के बाद यह बात भी सामने आई कि आतंकियों का मकसद अयोध्या व बनारस को दहलाना था. दिल्ली ब्लास्ट के बाद पूरे देश में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर जहां अलर्ट जारी कर दिया

गया था वहीं बनारस संग अयोध्या को हाई अलर्ट पर रखा गया है. संयोग की बात रही कि इस हाई अलर्ट घोषित होने से पहले मिले खुफिया इनपुट के मद्देनजर पहली बार बीच गंगा में माकड्रिल की कवायद रविवार को की गई थी. वैसे हाई अलर्ट जारी होने के बाद खासकर काशी विश्वनाथ मंदिर सहित अन्य सभी संवेदनशील स्थानों की सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है.




