
Bihar elections: आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने अपनी बड़ी बहन रोहिणी आचार्य को लेकर एक बड़ा बयान दिया है. इस बयान ने लोगों का दिल छू लिया है. अपने बयानों में तेजस्वी ने बहन की तारीफ कर कहा कि, "रोहिणी दीदी ने मेरे पिता लालू यादव के लिए अपनी किडनी दान की, यह ऐसा बलिदान है जो आज के समय में बहुत कम ही देखने को मिलता है. उन्होंने मुझे पाला है, उनका प्यार और त्याग अविस्मरणीय है".

इस दौरान उन्होंने बताया कि छपरा वासियों की मांग पर लालू यादव ने रोहिणी आचार्य को छपरा से टिकट दिया था. जिसके चलते रोहिणी लगातार पार्टी को मजबूत बनाने में जुटी हुई हैं. क्योंकि उनका योगदान लालू परिवार के लिए काफी महत्वपूर्ण है. हालांकि, आरजेडी का फोकस केवल बिहार के विकास पर टिका है. ताकि बिहार में नीतीश सरकार को गिराकर आरजेड़ी को खड़ा करना है. इसी के आगे तेजस्वी ने कहा, जब से नीतीश कुमार ने बिहार की सत्ता पर कब्जा किया है, यहां पर रोजगार के बजाय बेरोजगारी की स्थिति नजर आने लगी है. लेकिन बिहार की बेरोजगारी को दूर करने के लिए इस आगामी चुनाव में राजद को एक बड़ी जीत हासिल करना ही है.

दरअसल, बिहार के वैशाली जिले से अधिकार यात्रा का समापन कर तेजस्वी यादव का काफिला सारण के सोनपुर होते हुए निकल ही रहा था कि बजरंग चौक पर एक बड़ी संख्या में मौजूद RJD के समर्थक तेजस्वी यादव के काफिले को देख रोहिणी आचार्य जिंदाबाद के नारे लगाने लगे. जिसे देख तेजस्वी के सुरक्षाकर्मी फौरन अपने काफिले को निकालकर पटना के लिए रवाना हुए. बड़ी बात तो यह है कि आचार्य जिंदाबाद के नारे से ये साफ जाहिर होता है कि रोहिणी को भले ही सारण सीट से हार का सामना करना पड़ा, लेकिन उनके समर्थक आज भी उसी जोश में नजर आते हैं. हालांकि, समर्थकों का ये अंदाज रोहिणी के लिए काफी महत्वपूर्ण बात है.

बिहार विधानसभा चुनाव को देखते हुए ये माना जा रहा है कि आरजेडी नेता तेजस्वी यादव के सामने दो बड़ी चुनौतियां खड़ी हैं. पहली ये कि बिहार में सरकार बनाने के लिए समर्थन हासिल करना और परिवार को संभाले रखना. जिसे लेकर तेजस्वी को इस बात का डर है कि लालू परिवार के अंदरूनी मतभेद और नेतृत्व की चुनौतियां कही उनके लिए बिहार चुनाव में मुसीबत न बन बैठे, क्योंकि ऐसा माना जा रहा है कि पारिवारिक मुद्दे और पार्टी में पक रही खिचड़ी को लेकर मतदाता उनसे सवाल कर सकते हैं.

उदाहरण के तौर पर बता दें कि, उनके बड़े भाई तेज प्रताप यादव ने आरजेड़ी से बाहर होने के बाद से अपनी नई पार्टी का ऐलान कर दिया है, जिनकी पार्टी का नाम जनशक्ति जनता दल है और इस पार्टी का चुनाव चिन्हं ब्लैक बोर्ड हैं. इन सभी मसलों से बचने के खातिर आरजेडी नेता ताबड़तोड़ जनता को अपने चुनावी मायाजाल में फंसाने की कोशिशों में लगे हुए हैं.




