
वाराणसी : कचहरी में दरोगा पर हमले के बाद पुलिस और अधिवक्ताओं में तनाव बढ गया है. एक तरफ घटना के तीन दिन बाद भी आरोपियों की गिरफ्तारी न होने से आक्रोशित मिथिलेश प्रजापति का परिवार गुरुवार को पुलिस कमिश्नर कार्यालय के बाहर धरने पर बैठ गया. वहीं दूसरी ओर अधिवक्ताओं ने भी पुलिस प्रशासन के खिलाफ नाराजगी जताई. दरोगा के परिजनों के धरने की खबर मिलते ही एडीसीपी नीतू कादयान मौके पर पहुंचीं और परिजनों से बातचीत की. इसके बाद पुलिस कमिश्नर ने परिवार को भरोसा दिलाया कि सीसीटीवी फुटेज और शिनाख्त के आधार पर हमलावरों की पहचान हो चुकी है और अगले 24 से 48 घंटे में गिरफ्तारी की जाएगी. इस आश्वासन पर परिवार ने 48 घंटे की मोहलत देकर धरना समाप्त किया.

पुलिस के खिलाफ वकील आंदोलित
उधर, पुलिस कमिश्नर के बयान के बाद वकील संगठन आंदोलित हो गया. वकीलों ने डीएम कार्यालय परिसर में नारेबाजी की और पुलिस कमिश्नर के तबादले की मांग उठाई. अधिवक्ता विकास सिंह ने आरोप लगाया कि पुलिस कार्यालय में अधिवक्ताओं के साथ दुर्व्यवहार हुआ है, जो न्याय व्यवस्था की गरिमा पर सीधा आघात है. उन्होंने चेतावनी दी कि दोषियों पर कार्रवाई न हुई तो आंदोलन और तेज किया जाएगा.फिलहाल कचहरी और पुलिस कमिश्नर कार्यालय के बाहर सुरक्षा बढ़ा दी गई है. एक ओर घायल दरोगा का परिवार न्याय की मांग पर अड़ा है, वहीं दूसरी ओर वकील संगठन पुलिस प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठा रहा है. इस टकराव ने पुलिस और वकीलों के बीच तनाव को और बढा दिया है.





