
वाराणसी - सेंट्रल बार के पूर्व उपाध्यक्ष राजा आनंद ज्योति सिंह की मौत मामले की फाइल फिर खुलेगी. नए सिरे से जांच एक बार फिर होगी. उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य से अधिवक्ता की पत्नी भारती सिंह ने गुहार लगाई थी. इसके बाद कमिश्नरेट की पुलिस ने पुरानी फाइलों को खंगालना शुरू कर दिया. अधिवक्ता की पत्नी का आरोप है कि कफ सिरप मामले में गिरफ्तार अमित सिंह टाटा और मास्टर माइंड शुभम जायसवाल ने कॉफी में जहर देकर पति की हत्या की थी. चौबेपुर थाना क्षेत्र के बर्थरा कलां गांव निवासी अधिवक्ता की मौत 30 नवंबर 2024 को हुई थी. आरोप है कि वह दवा कारोबारी के यहां पार्टी में गए थे जहां ब्रांडेड कंपनी की कोल्ड कॉफी पिलाई गई थी.
पत्नी भारती ने बताया कि अधिवक्ता कफ सिरप के खेल को जानते थे. वह सोशल मीडिया के जरिये अवैध कारोबार का खुलासा करने वाले थे, इसी वजह से पार्टी के बहाने बुलाया गया और सुनियोजित तरीके से जहर देकर मार दिया गया. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में जहर की पुष्टि नहीं हुई थी इसलिए तत्कालीन चौबेपुर इंस्पेक्टर ने टाटा और शुभम को क्लीन चिट दे दी थी. अब डीसीपी वरुणा जोन और एसीपी सारनाथ कार्यालय की ओर से अधिवक्ता प्रकरण की दोबारा जांच शुरू कराई जा रही है. पुरानी फाइल, पोस्टमार्टम रिपोर्ट, सुरक्षित रखे गए विसरा और सीसीटीवी फुटेज, सीडीआर समेत अन्य साक्ष्यों की जांच की जा रही है. एसीपी सारनाथ विदुष सक्सेना ने बताया कि उस समय की फाइल देखी जा रही है.
अधिवक्ता के परिजन पुलिस कमिश्नर से मिले
इस बीच अधिवक्ता के परिजनों संग पिता उमेश प्रताप सिंह ने पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल से मुलाकात की और न्याय की गुहार लगाई. पुलिस कमिश्नर ने मामले की जांच कर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया. परिजनों ने उनकी मौत को जहरीली कफ सिरप प्रकरण से जोडा है. वहीं पुलिस कमिश्नर ने बताया कि नशीले कफ सिरप मामले मे जो भी दोषी होगा उसकी संपत्ति कुर्क की जायेगी. जिन फर्मो के खिलाफ मुकदमा चल रहा है उन्हे नोटिस दिया गया है और स्पष्टीकरण मांगा गया है . अपराधी चाहे विदेश में भी क्यों न हो उसे पकड़ा जाएगा और उसका प्रत्यार्पण करवाया जायेगा .




