
वाराणसीः काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के दृश्य कला संकाय में 'रूप-अरूप' नाम से छः दिवसीय सामूहिक चित्रकला प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहा है. इसमें लगभग 70 चित्रकृतियां प्रदर्शित की गई हैं. विभिन्न विषयों पर आकर्षक रंग-योजनाओं तथा सुन्दर संयोजन से सजी ये चित्रकृतियां लोगों का मन मोह ले रहे हैं. यह प्रदर्शनी सामूहिक रूप से दृश्य कला संकाय के दो सहायक आचार्य डॉ० आशीष कुमार गुप्ता और डॉ० ललित मोहन सोनी एवं तीन शोधछात्र आकाश वर्मा, मोनाली सिंह और मुकेश प्रसाद (पांच लोगों) द्वारा आयोजित की गई है. सबसे खास है कि इन प्रदर्शित चित्रों के विषय सामाजिक, धार्मिक, आत्मिक, आध्यात्मिक तथा आलौकिक का आईना बनकर धरातल पर उतारे गए हैं. इन चित्रकारों की कला में रूप से अरूप तक के परिवर्तन की यात्रा का विशाल स्वरूप है जो इन सभी की कलाकृतियों का मूल सार है.

काशी संग अन्य स्थानों की विशेषताओं का किया चित्रण
इस प्रदर्शनी का उद्घाटन अहिवासी कला वीथिका, दृश्य कला संकाय में सुविख्यात समकालीन कलाकार तथा कला समीक्षक अशोक भौमिक द्वारा किया गया. विशिष्ट अतिथि के रूप में दृश्य कला संकाय की संकाय प्रमुख प्रोफेसर उत्तमा की गरिमामयी उपस्थिति रही. रूप-अरूप की इसी कड़ी में मंगलवार को 'चित्रकला में आमजन' विषय पर विशिष्ट व्याख्यान प्रस्तुत किया गया. इसमें पाश्चात्य और भारतीय कलाकारों द्वारा चित्रित कृतियों में काशी तथा अन्य स्थानों पर सामान्य जीवन व्यतीत करने वाले मजदूर, किसान, गरीब लोगों को भोजन करते, मजदूरी करते, हल चलाते, अनाज बीनते हुए विभिन्न परिस्थितियों व संयोजनों में कार्य और कारण की विशेषताओं के चित्रण की गहनता से चर्चा की. कार्यक्रम का संचालन डॉ० आशीष कुमार गुप्ता एवं डॉ० ललित मोहन सोनी तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ० सुरेश चन्द्र जांगिड द्वारा किया गया.

छात्र-छात्राओं के प्रेरणा तथा मार्गदर्शक का कार्य करेगी प्रदर्शनी
सृजनात्मक, व्यावहारिक, अकादमिक एवं भावनात्मक पक्ष आदि के चहुँमुखी विकास में सहायक यह प्रदर्शनी और 'चित्रकला में आमजन' की परिचर्चा छात्र-छात्राओं के प्रेरणा तथा मार्गदर्शक का कार्य करेगी. प्रदर्शनी के उद्घाटन के अवसर पर संकाय के विभिन्न विभागों के पूर्व आचार्य प्रो० हीरालाल प्रजापति, प्रो० शिवनाथ राम, प्रो० मदनलाल गुप्ता, सह आचार्य विजय सिंह, सह आचार्य संतोष कुमार सिंह की गरिमामयी उपस्थिति रही. प्रो० मनीष अरोड़ा, विभागाध्यक्ष व्यावहारिक कला विभाग, डॉ० सुनील कुमार विश्वकर्मा, अध्यक्ष राज्य ललित कला अकादमी तथा दृश्य कला संकाय के सभी शिक्षकगण, गैर-शिक्षक कर्मचारीगण सहित संकाय के अनेक शोधार्थी, छात्र व छात्राओं के साथ कई अन्य कलाप्रेमी डॉ० सुनील कुमार सिंह कुशवाहा, डॉ० जयंती मांडी, अजय उपासनी, विनय रावल सहित काफी संख्या में दर्शक उपस्थित रहे.




