
वाराणसी: प्रयागराज में अमृत स्नान की तर्ज पर माघ मेले में पहली बार तीन जनवरी से पर्व स्नान होगा. कुल 6 प्रमुख स्नान पड़ेंगे. कल्पवासियों की संख्या बड़ी संख्या रहेगी. करीब 30 लाख कल्पवासियों के पहुंचने का अनुमान है. 12 से 15 करोड़ लोग संगम में स्नान करेंगे. नमामी गंगे पर जल शुद्ध बनाए रखने की जिम्मेदारी है. 85 किमी की सीवर लाइन बिछाई जाएगी. संगम की शुद्धता बनाए रखने के लिए 25 हजार शौचालय, 8000 डस्टबीन बनेंगे. 800 हेक्टेयर में मेले को बसाया जाएगा. श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए दो अस्पताल बनेंगे. मेले को सकुशल कराने के लिए पर्याप्त पुलिस बल रहेगा. इसी परिप्रेक्ष्य में सीएम योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को प्रयागराज का दौरा किया और संगम तट पर जायजा भी लिया.
जगदगुरु, रामानंदाचार्य, महामंडलेश्वर, द्वाराचार्य, संत, महंत, श्रीमहंत की शोभायात्रा पर्व स्नान के लिए निकलेगी. माघ मेले में होने वाले पर्व स्नान का नजारा महाकुंभ के शाही स्नान की तरह ही होगा. माघ मेले में बनारस के मठ, मंदिर, आश्रम के साथ ही शंकराचार्य के भी शिविर लगेंगे. पौष पूर्णिमा के साथ ही संगम तट पर माघ मेले की शुरुआत हो जाएगी. देश भर के संत समाज के साथ ही काशी के मठ, मंदिर और अखाड़ों के प्रतिनिधि संगम के तट पर अपने-अपने शिविरों के लिए तैयारी में जुट गए हैं. खाक चौक के प्रधानमंत्री जगद्गुरु संतोषाचार्य सतुआ बाबा ने बताया कि महाकुंभ के बाद लगने वाला माघ मेला भी बेहद भव्य होगा. सतुआ बाबा ने बताया कि चार व पांच दिसंबर से भूमि आवंटन का कार्य शुरू हो जाएगा. इस बार हम लोगों ने मेले के लिए 300 बीघा जमीन आवंटित करने की मांग की है.

तीन जनवरी से शुरू होगा माघ मेला
तीन जनवरी 2026 - पौष पूर्णिमा
14 जनवरी 2026 - मकर संक्रांति
18 जनवरी 2026 - मौनी अमावस्या
23 जनवरी 2026 - वसंत पंचमी
एक फरवरी 2026 - माघी पूर्णिमा
15 फरवरी 2026 - महाशिवरात्रि




