
वाराणसी : सारनाथ पुलिस ने फर्जी कंपनी में पैसा निवेश कराने का झांसा देकर 50 करोड़ रुपये से अधिक की साइबर ठगी के मुख्य आरोपी राजेंद्र प्रसाद जायसवार को उसकी पत्नी धनौती देवी और पुत्रवधू संगीता देवी के साथ महाराष्ट्र के नासिक से गिरफ्तार कर लिया. आरोपी मूल रूप से गोरखपुर का रहने वाला है और पुलिस ने इसे इनामी घोषित भी किया था. पुलिस के अनुसार, राजेंद्र प्रसाद अपने परिवार और रिश्तेदारों के साथ मिलकर एक संगठित गिरोह चला रहा था. गिरोह ने नासिक में वॉर रूम बनाकर पूर्वांचल के वाराणसी, गोरखपुर सहित उत्तर प्रदेश के कई जिलों में स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग के नाम पर लोगों को ठगने का काम किया. पीड़ितों को एक साल में पैसा तिगुना करने का लालच देकर फर्जी वेबसाइट और बैंक खातों के जरिए पैसे ऐंठे जाते थे.

साइबर सेल की मदद से पुलिस को मिली कामयाबी
एसीपी सारनाथ विदुष सक्सेना ने बताया कि लगातार मिल रही शिकायतों के बाद सारनाथ थाने के दरोगा अमरजीत कुमार के नेतृत्व में टीम गठित की गई. साइबर सेल और सर्विलांस की मदद से आरोपियों की लोकेशन नासिक ट्रेस की गई. मंगलवार रात स्थानीय पुलिस की मदद से दबिश देकर तीनों को गिरफ्तार कर लिया गया.

कई बैंक खाते सीज
आरोपितों के पास से पुलिस ने भारी मात्रा में नकदी, 5 मोबाइल फोन, 1 लैपटॉप (लिनोवो), 3 एटीएम कार्ड, 3 आधार कार्ड, 1 पैन कार्ड, 2 चेक बुक, 10 पासबुक, फर्जी स्टॉक ब्रोकर की मोहर युक्त लेटरहेड और अन्य दस्तावेज बरामद किए गए हैं. कई बैंक खातों को भी सीज कर दिया गया है. एसीपी ने बताया कि आरोपित ने पूछताछ में कबूल किया कि उसने अपने गांव-रिश्तेदारी के कई लोगों को भी इस धंधे में शामिल कर लिया था और पहली बार में ही बिना मेहनत के करोड़ों रुपये कमा लिए. पुलिस अब गिरोह के अन्य सदस्यों और ठगी के पूरे नेटवर्क की तलाश कर रही है.




