वाराणसी: विश्व आत्महत्या निवारण सप्ताह 2025 के अवसर पर सोमवार को एनडीआरएफ 11वीं बटालियन, वाराणसी में जवानों के मानसिक स्वास्थ्य एवं तनाव प्रबंधन के लिए विशेष कार्यशाला का आयोजन किया गया. इस निशुल्क कार्यशाला का आयोजन कमांडेंट मनोज कुमार शर्मा के निर्देशन में किया गया, जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में वरिष्ठ मनोचिकित्सक डॉ. मनोज कुमार तिवारी ने जवानों को तनाव प्रबंधन के विभिन्न उपाय बताए.
रुचियों को भी दे पर्याप्त समय
डॉ. तिवारी ने पावरपॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से जवानों को संबोधित करते हुए कहा कि आज मोबाइल के अत्यधिक प्रयोग से शारीरिक और मानसिक दोनों प्रकार की समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं. उन्होंने सुझाव दिया कि मोबाइल पर बिताए समय को सीमित करने के साथ-साथ अपने शौक और रुचियों को भी पर्याप्त समय देने से तनाव पर काफी हद तक काबू पाया जा सकता है. उन्होंने आत्महत्या के विचार रखने वाले व्यक्तियों के मानसिक और व्यवहारिक लक्षणों पर विस्तार से चर्चा करते हुए बताया कि ऐसे समय में परिवार और सहकर्मियों का सहयोग व्यक्ति को जीवन में सकारात्मक दिशा देता है. उन्होंने स्पष्ट कहा कि “आपसी सहयोग और संवाद आत्महत्या निवारण का मूल मंत्र है.” कार्यशाला के दौरान डॉ. तिवारी ने जवानों को रिलैक्सेशन एक्सरसाइज का अभ्यास भी कराया, जिससे वे तनावमुक्त होकर अपने कर्तव्यों का निर्वहन और बेहतर तरीके से कर सकें.
योग से तनाव पर नियंत्रण
कार्यक्रम में स्वामी विवेकानंद स्मारक राजकीय चिकित्सालय, भेलूपुर के वरिष्ठ योग प्रशिक्षक मनीष पांडेय ने जवानों को संबोधित किया. उन्होंने योग को जीवन का अभिन्न अंग बताते हुए कहा कि नियमित योगाभ्यास न केवल मानसिक शांति प्रदान करता है बल्कि शारीरिक क्षमता को भी बढ़ाता है. मौके पर उन्होंने जवानों से कई योग अभ्यास भी कराए.
धैर्य से गुजरता है कठिन समय
एनडीआरएफ 11वीं बटालियन के डिप्टी कमांडेंट राम मनोहर ने जवानों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि कठिनाइयां हर किसी के जीवन में आती हैं. लेकिन धैर्य और संयम से उनका सामना करने वाला ही जीवन में सफलता प्राप्त करता है. उन्होंने कहा कि कठिन समय स्थायी नहीं होता और धैर्य रखने पर सुखद समय अवश्य लौटकर आता है.
कार्यक्रम संचालन और सहयोग
कार्यक्रम का संचालन सब इंस्पेक्टर सुधीर कुमार सिंह, नीरज, गौरव पांडेय और उज्जवल पाठक ने किया. सफल आयोजन में इन सभी का विशेष योगदान रहा. वहीं डिप्टी कमांडेंट रवि सिंह ने अतिथियों का स्वागत करते हुए सभी का आभार व्यक्त किया. इस कार्यशाला ने जवानों को न सिर्फ तनाव प्रबंधन की नई तकनीकें सिखाईं बल्कि मानसिक स्वास्थ्य के महत्व और आपसी सहयोग की शक्ति को भी उजागर किया.