वाराणसी: सदर तहसील परिसर में आए दिन कर्मचारियों और अधिवक्ताओं के बीच होने वाले विवाद अब प्रशासन के लिए चुनौती नहीं बनेंगे. अब तहसील से न्यायालय तक की हर हलचल पर सीसीटीवी कैमरों की तीसरी आंख निगरानी रखेगी. ज्वाइंट मजिस्ट्रेट आइएएस नितिन सिंह के निर्देश पर पूरे परिसर में कैमरे लगाए गए हैं. इसका उद्देश्य न केवल अवांछनीय गतिविधियों पर रोक लगाना है, बल्कि न्यायिक और राजस्व कार्यों को सुचारु ढंग से संचालित करना भी है.
ज्वाइंट मजिस्ट्रेट की पहल, 25 कैमरों से रियल-टाइम निगरानी
इसी कड़ी में सदर तहसील परिसर में कुल 25 कैमरे लगाए गए हैं .इन कैमरों की लाइव फुटेज सीधे ज्वाइंट मजिस्ट्रेट के कक्ष में लगे स्क्रीन पर दिखाई जाएगी. नितिन सिंह ने बताया कि अगर जरूरत पड़ी तो कैमरों की संख्या और बढ़ाई जाएगी.
लगातार बढ़ रहे विवादों से उठा कदम
उन्होंने कहा कि पिछले दो महीनों से सदर तहसील विवादों का केंद्र बनी रही है. कभी कर्मचारियों और अधिवक्ताओं में बहस तो कभी हाथापाई की घटनाएं सामने आईं. हाल ही में एक अधिवक्ता के साथ मारपीट का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसके बाद परिसर में माहौल और गरमा गया. कई दिनों तक कलेक्ट्रेट और तहसील दोनों जगहों पर विरोध-प्रदर्शन हुए. प्रशासनिक हलकों में यह धारणा बनने लगी थी कि तहसील परिसर अनुशासनहीन होता जा रहा है. यही कारण रहा कि अब कैमरों की तीसरी आंख से व्यवस्था को पटरी पर लाने की कोशिश की जा रही है.
संसाधनों की सुरक्षा और पारदर्शिता
सीसीटीवी निगरानी से तहसील में मौजूद महत्वपूर्ण दस्तावेज़ों, संपत्तियों और अन्य संसाधनों की सुरक्षा भी सुनिश्चित होगी. अक्सर चोरी, दस्तावेजों की गुमशुदगी या फाइलों के साथ छेड़छाड़ की शिकायतें सामने आती रही हैं. कैमरे इन पर भी अंकुश लगाएंगे. साथ ही पारदर्शिता बनी रहेगी और किसी भी शिकायत का निपटारा फुटेज के आधार पर आसानी से किया जा सकेगा.
मुआयना कर दिए सख्त निर्देश
शनिवार को ज्वाइंट मजिस्ट्रेट ने पूरे परिसर का निरीक्षण (मुआयना) किया. इस दौरान उन्होंने नाजिर मनोज पांडेय को आदेश दिया कि परिसर में मौजूद सभी स्टांप वेंडरों की सूची का वह मिलान करें. साथ ही शेड लगाकर बैठे बाहरी और संदिग्ध लोगों पर कड़ी नजर रखी जाए तथा अवांछनीय तत्वों को परिसर में प्रवेश न दिया जाए.
निरीक्षण के दौरान अमीन संघ के जिलाध्यक्ष अशोक कुमार सिंह, वरिष्ठ सहायक मोहम्मद आजम और अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे.
अधिवक्ताओं और कर्मचारियों के लिए चेतावनी
प्रशासन का साफ संदेश है कि अब विवाद और हंगामे की स्थिति बर्दाश्त नहीं की जाएगी. अधिवक्ताओं और कर्मचारियों दोनों से अपेक्षा की गई है कि वे अनुशासन का पालन करें. अगर कोई व्यक्ति परिसर में माहौल बिगाड़ने की कोशिश करेगा, तो उसके खिलाफ सीसीटीवी फुटेज के आधार पर कार्रवाई की जाएगी.
जनता को होगा सीधा फायदा
आम नागरिकों को तहसील में काम करवाने के दौरान अब राहत मिलेगी. पहले अक्सर विवाद या हंगामे के कारण लोग घंटों परेशान रहते थे और उनका काम अटक जाता था. सीसीटीवी निगरानी से न केवल व्यवस्था सुधरेगी बल्कि लोगों का प्रशासन पर भरोसा भी मजबूत होगा.
भविष्य की योजना
ज्वाइंट मजिस्ट्रेट ने संकेत दिया है कि आगे चलकर परिसर में और आधुनिक सुविधाएं जोड़ी जाएंगी. कैमरों की संख्या बढ़ाने के साथ-साथ पूरे नेटवर्क को डिजिटल सर्वर से जोड़ा जाएगा, ताकि रिकॉर्ड लम्बे समय तक सुरक्षित रह सके. अब सदर तहसील परिसर में हर कदम, हर गतिविधि कैमरों की नजर में होगी. इस पहल से उम्मीद है कि तहसील का माहौल शांतिपूर्ण, सुरक्षित और अनुशासित बन सकेगा.