
वाराणसी: धर्म और अध्यात्म की नगरी काशी में जहां एक ओर विकास के बड़े-बड़े दावे किए जा रहे हैं, वहीं शहर की कई महत्वपूर्ण सड़कें बदहाली के आंसू बहा रही हैं. चितईपुर चौराहे से अखरी बाईपास को जोड़ने वाला मार्ग इस समय स्थानीय निवासियों और राहगीरों के लिए किसी दुःस्वप्न से कम नहीं है. सड़क की खस्ता हालत के कारण आए दिन लोग चोटिल हो रहे हैं और स्थानीय व्यापार भी चौपट हो रहा है.

जलभराव और गड्ढों का जाल
बारिश के मौसम में इस सड़क की स्थिति अत्यंत दयनीय हो गई है. कई स्थानों पर सड़क पर बारिश का पानी भरा हुआ है. इसका मुख्य कारण सड़क किनारे बने नालों का चोक हो जाना है, जिससे जल निकासी पूरी तरह ठप है. पानी भरे होने के कारण सड़क की सतह दिखती नहीं, और कई जगहों पर तो गहरे गड्ढों का जाल बन गया है.

रोजाना जाम और दुर्घटनाएं
सड़क पर पानी और गड्ढे होने की वजह से यातायात धीमा हो जाता है, जिसके चलते इस व्यस्त मार्ग पर रोजाना भीषण जाम लग रहा है. दोपहिया वाहन चालक विशेष रूप से परेशान हैं, जो गड्ढों में गिरकर आए दिन चोटिल हो रहे हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासन की अनदेखी के चलते यह सड़क अब 'हादसों का न्योता' बन गई है.
स्थानीय लोगों का 'जुगाड़'
हालात इतने खराब हो चुके हैं कि स्थानीय लोग और दुकानदार खुद ही राहगीरों को खतरे से आगाह कर रहे हैं. कई स्थानों पर लोगों ने बड़े गड्ढों के आस-पास पेड़ की टहनियां, ईंट या पत्थर रखकर सड़क खराब होने का संकेत दिया है, ताकि कोई बड़ा हादसा न हो.

व्यापार हुआ ठप
सड़क की खराब हालत का सीधा असर स्थानीय दुकानदारों के कारोबार पर पड़ रहा है. सड़क पर कीचड़, गड्ढे और जलभराव होने के कारण ग्राहक दुकानों तक पहुंचने से कतरा रहे हैं. कई दुकानदारों ने तो मजबूरन ईंटों को बिछाकर अस्थाई रास्ता बनाया है, ताकि उनके ग्राहक किसी तरह दुकान तक पहुंच सकें. दुकानदारों का कहना है कि अगर जल्द ही सड़क की मरम्मत नहीं की गई तो उनके सामने भुखमरी की स्थिति पैदा हो जाएगी.
स्थानीय निवासियों और व्यापारियों ने जिला प्रशासन और संबंधित विभाग से तुरंत इस महत्वपूर्ण सड़क की मरम्मत करने और चोक नालों की सफाई कराने की मांग की है, ताकि लोगों को इस मुसीबत से जल्द से जल्द निजात मिल सके.





