
वाराणसी - चर्चित कफ सिरप तस्करी मामले में मुख्य आरोपी शुभम जायसवाल ने शुक्रवार को एक कथित वीडियो जारी कर अपना पक्ष रखा, जिसमें उसने खुद पर लगे आरोपों को बेगुनाह बताया. इस मामले में फरार शुभम ने अज्ञात स्थान से 13 मिनट का यह वीडियो साझा किया, जिसमें उसने जहरीली सिरप सप्लाई, नकली दवा कारोबार और बच्चों की मौत जैसे आरोपों को बेबुनियाद बताया.
शुभम ने कहा कि उसकी फर्म द्वारा बेचा जा रहा फेंसिडिल सिरप न तो प्रतिबंधित है, न जहरीली और न ही इससे बच्चों की मौत की पुष्टि हुई है. उसने दावा किया कि सोशल मीडिया, टीवी डिबेट और राजनीतिक बयानबाजी में उसके बारे में अफवाहें फैलाई जा रही है. इसके साथ ही उसने सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव और सांसद धर्मेंद्र यादव पर भी सवाल उठाए और कहा कि वे “गलत बयानबाजी कर भ्रम फैला रहे हैं”. उसने अखिलेश यादव से उसका नाम न लेने की अपील की.
शुभम ने नेताओं के साथ वायरल तस्वीरों पर सफाई देते हुए कहा कि उसका धनंजय सिंह से कोई निजी संबंध नहीं है, सिर्फ औपचारिक मुलाकातें थीं. उसने दावा किया कि उसके द्वारा सप्लाई की गई Abbott कंपनी की दवा पूरी तरह लाइसेंस आधारित और ड्रग एक्ट के तहत थी तथा भुगतान भी बैंक के माध्यम से लिया गया. उसका जुडाव व्यापार से है.
कथित वीडियो में शुभम ने यह भी कहा कि गाजियाबाद और सोनभद्र में जब्त कफ सिरप उसकी फर्म ‘शैली ट्रेडर्स’ का नहीं था, बल्कि दिल्ली की एक अन्य फर्म का माल था. उसने आरोप लगाया कि ड्रग विभाग के कुछ अधिकारियों ने पैसे की मांग पूरी न होने पर उसका नाम जबरन लिखवाया. साथ ही मध्य प्रदेश में बच्चों की मौत वाली घटना से अपने सिरप को पूरी तरह अलग बताया.
शुभम ने राजा ज्योति आनंद सिंह की मौत को ‘अत्यधिक शराब सेवन’ से हुई बताया और कहा कि वह डर के कारण सामने नहीं आ पाया. अंत में उसने मुख्यमंत्री से निष्पक्ष जांच की गुहार लगाई.




