
वाराणसी: दीपावली की रात हुई भव्य आतिशबाजी का असर अब शहर की हवा में देखने को मिल रहा है. त्योहार की अगली सुबह जिले का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 236 दर्ज किया गया, जो ‘खराब’ स्तर को दर्शाता है. शहर में पांच स्थानों पर लगे वायु गुणवत्ता मॉनिटरिंग स्टेशनों की रिपोर्ट के अनुसार, सबसे अधिक प्रदूषण बीएचयू क्षेत्र में दर्ज किया गया, जहां सुबह 8 बजे एक्यूआई 243 तक पहुंच गया.
एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) सिस्टम से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, दीपावली की रात आतिशबाजी के बाद सुबह 8 बजे शहर के अधिकांश इलाकों में वायु गुणवत्ता खराब श्रेणी में पहुंच गई. मलदहिया में एक्यूआई 240, भेलूपुर में 203, अर्दली बाजार में 214, निराला नगर में 282 और बीएचयू में सर्वाधिक 243 रिकॉर्ड किया गया. इसमें बीएचयू की हवा सबसे अधिक प्रदूषित पाई गई, जबकि अर्दली बाजार की हवा मॉडरेट श्रेणी में रही.

हालांकि इस वर्ष शहरवासियों ने “ग्रीन क्रैकर्स” के उपयोग पर जोर दिया था, लेकिन उसका प्रभाव हवा में नहीं दिखा. विशेषज्ञों का कहना है कि सीमित मात्रा में भी पटाखों का धुआं, साथ ही सर्द मौसम में हवा की गति धीमी होने के कारण प्रदूषक कण वातावरण में फंस जाते हैं, जिससे वायु गुणवत्ता बिगड़ जाती है.
चिकित्सकों ने चेतावनी दी है कि यह हवा विशेष रूप से हृदय और श्वसन संबंधी रोगियों के लिए हानिकारक हो सकती है. फेफड़ों या अस्थमा के मरीजों को घर में रहकर एहतियात बरतने और प्रदूषण वाले इलाकों से दूरी बनाए रखने की सलाह दी गई है. साथ ही, धुएं वाली जगहों पर जाने से बचने की अपील भी की गई है.




