
वाराणसी के रामनगर की विश्वप्रसिद्ध रामलीला में रविवार देर रात श्रीराम के भव्य राज्याभिषेक के बाद सोमवार को तडके भोर की आरती के लिए श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा. किला रोड स्थित अयोध्या मैदान दीपों की रोशनी और ‘राजा रामचंद्र की जय’ व ‘हर हर महादेव’ के जयघोष से गूंज उठा. पूरी रात रामायण पाठ और भजनों में डूबे भक्तों ने प्रभु श्रीराम और माता जानकी की भोर की आरती में उत्साहपूर्वक हिस्सा लिया. इस दौरान घंटे-घड़ियाल की ध्वनि और भक्तों के जयकारों ने परिसर को भक्तिमय बना दिया.

राज्याभिषेक के मंचन में गुरु वशिष्ठ, विभीषण, सुग्रीव, अंगद और हनुमान सहित वानर सेना उपस्थित रही. गुरु वशिष्ठ की आज्ञा से श्रीराम ने प्रजा और सहयोगियों का अभिवादन कर राजसिंहासन ग्रहण किया. माता कौशल्या ने पुष्पवर्षा कर दान अर्पित किया.
इस बीच, रामनगर राजपरिवार के डॉ. अनंत नारायण सिंह परंपरागत रूप से दुर्ग से पैदल चलकर लीला स्थल पहुंचे और श्रीराम स्वरूप का तिलक कर भेंट अर्पित की. जवाब में श्रीराम स्वरूप ने अपनी माला उन्हें पहनाई, जिसे देख श्रद्धालु “राजा रामचंद्र की जय” के उद्घोष में डूब गए.
यह ऐतिहासिक रामलीला अपनी भव्यता और भक्ति के लिए विश्वभर में जानी जाती है, और इस बार भी हजारों श्रद्धालुओं ने इस दिव्य दृश्य का साक्षी बनने का सौभाग्य प्राप्त किया.




