
वाराणसी - अपनों ने मुंह फेरा तो समाजसेवी अमन कबीर ने बुजुर्ग महिला का अंतिम साकार कराया. बीएचयू के सरसुंदरलाल अस्पताल में आजमगढ़ का एक युवक अपनी बुजुर्ग मां को 10 दिन पहले छोड़कर भाग गया. वह अपने बेटे को जाती देखती रही, लेकिन बूढ़ापे के कारण कुछ नहीं कर सकी. अंतत: परिवार के लिए तड़पते हुए पांच दिन बाद उसने दम तोड़ दिया. कलयुगी बेटे की इस कारगुजारी पर हर कोई रोष और आक्रोश व्यक्त कर रहा है.
बतादें कि आजमगढ़ के अतरौलिया थाने के बुढ़नपुर गांव की पुष्पा देवी (70) को उनका बड़ा बेटा आनंद प्रकाश चौबे 10 दिन पहले यानी 16 अक्टूबर को बीएचयू अस्पताल में लाया था. यहां करीब आधा घंटा तक उनके साथ रहा फिर स्ट्रेचर पर तड़पता छोड़कर भाग गया. अस्पताल परिसर में तड़पती बुजुर्ग मां अपने आंसू पोंछ रही थी. उसकी हालत देख किसी ने 108 एंबुलेंस को फोन कर इसकी जानकारी दी. बुजुर्ग मां को मंडलीय अस्पताल कबीरचौरा पहुंचाया गया. यहां ईएमटी अमित कुमार ने वार्ड नंबर चार में भर्ती कर इलाज शुरू कराया. पांच दिन बाद उनकी मौत हो गई.

अंतिम संस्कार में भी नहीं पहुंचे परिजन
इस मामले की जानकारी मिलते ही सामाजिक कार्यकर्ता अमन कबीर ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट कर दिया. इससे पहले पुलिस ने फोन कर बुजुर्ग मां के बेटों को वाराणसी आने के लिए कहा. परिजन सिर्फ झूठा आश्वासन देकर फोन काट देते थे. 48 घंटे बीतने पर कोई नहीं आया. छोटे बेटे विजय प्रकाश ने अपना मोबाइल भी बंद कर दिया. अमन कबीर ने बताया कि परिवार की यह अमानवीयता देखकर मेरा दिल दहल गया. मेरे अलावा कोतवाली के एसआई चंद्रेश प्रसाद, कांस्टेबल रविकांत दूबे और मीनू सिंह ने भी फोन किया, लेकिन कलयुगी बेटे सिर्फ आश्वासन देते रहे. शनिवार की शाम तक भी कोई नहीं पहुंचा तो रविवार को अमन कबीर सेवा न्यास ने बुजुर्ग महिला का मणिकर्णिका घाट पर अंतिम संस्कार किया.

एक सप्ताह से लापता व्यक्ति का शव गंगा किनारे मिला
वाराणसी के कोतवाली थाना क्षेत्र के बालाजी घाट पर सोमवार को गंगा किनारे एक व्यक्ति का शव बरामद हुआ. मृतक की पहचान काल भैरव निवासी प्रदीप कुमार बिंद (48) के रूप में हुई. प्रदीप करीब एक सप्ताह पहले से लापता था. परिजन गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराकर लगातार तलाश में जुटे थे, लेकिन कोई सुराग नहीं मिल सका. सोमवार सुबह घाट किनारे कुछ लोगों ने शव देखा और इसकी सूचना पुलिस को दी. मौके पर पहुंची कोतवाली पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर शिनाख्त कराई. परिजनों ने बताया कि प्रदीप कुमार लगभग सात दिन पहले घर से निकला था और उसके बाद प्रदीप का कोई पता नहीं चला. उधर, घटना की जानकारी मिलते ही परिवार में मातम पसर गया. परिजन रो-रोकर बेहाल हैं.
इंस्पेक्टर कोतवाली दया शंकर सिंह ने बताया कि शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और मामले की जांच शुरू कर दी है. स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रदीप शांत स्वभाव के व्यक्ति था और किसी से कोई विवाद नहीं था. प्रदीप के घर वाले भी मौत का स्पष्ट कारण नहीं बता पा रहे हैं.




