वाराणसी: लंका थाना परिसर में बुधवार रात शराब को लेकर पुलिसकर्मियों के बीच विवाद इतना बढ़ गया कि मारपीट की नौबत आ गई. घटना के सामने आने पर पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया. अनुशासनहीनता और आपसी झगड़े को गंभीर मानते हुए अधिकारियों ने तुरंत कार्रवाई करते हुए थाने के मुंशी हेड कांस्टेबल भानु प्रताप सिंह, कांस्टेबल दुर्गेश सरोज और सिपाही मनोज कुमार सिंह को निलंबित कर दिया.
शिकायत और आरोप
मारपीट का मामला सिपाही मनोज कुमार सिंह की शिकायत पर दर्ज हुआ है. मूल रूप से देवरिया जिले के मइल थाना क्षेत्र के कुंदरौलिया गांव निवासी मनोज कुमार 2021 में सेना से रिटायर होने के बाद यूपी पुलिस में सिपाही पद पर भर्ती हुए थे. मनोज ने थाना प्रभारी को लिखित शिकायत देकर आरोप लगाया कि हेड कांस्टेबल भानु प्रताप सिंह अक्सर उनसे सेना की कैंटीन से शराब लाने का दबाव डालते थे. इसी को लेकर बुधवार रात करीब 9:40 बजे कांस्टेबल दुर्गेश सरोज ने फोन करके उन्हें थाना परिसर के पीछे स्थित बैरक में बुलाया.
जब मनोज वहां पहुंचे तो उन्होंने देखा कि भानु प्रताप और दुर्गेश शराब पी रहे थे. आरोप है कि वहां पहुंचते ही दोनों ने उन्हें गालियां देनी शुरू कर दीं और विरोध करने पर धक्का-मुक्की कर दी. मनोज का कहना है कि दोनों ने मिलकर उनके सीने और पेट पर वार किया, जिससे वह घायल हो गए.इसके बाद उन्हें रमना चौकी प्रभारी की मदद से भेलूपुर स्थित राजकीय विवेकानंद अस्पताल में भर्ती कराया गया.
आरोपितों का पक्ष
वहीं, हेड कांस्टेबल भानु प्रताप सिंह और कांस्टेबल दुर्गेश सरोज ने अपनी सफाई में कहा कि वे बैरक में मौजूद जरूर थे, लेकिन मनोज ने आते ही मोबाइल फोन से वीडियो बनाना शुरू कर दिया. जब उन्हें रोका गया तो मनोज ने हंगामा करना शुरू कर दिया. उनका कहना है कि इसी दौरान उनसे मोबाइल फोन छीना गया, जिसके बाद मनोज ने झूठे तौर पर मारपीट का आरोप लगाया.
विभागीय कार्रवाई
मामले को गंभीरता से लेते हुए पुलिस अधिकारियों ने तीनों पुलिसकर्मियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है. साथ ही हेड कांस्टेबल भानु प्रताप सिंह और कांस्टेबल दुर्गेश सरोज के खिलाफ मारपीट का केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है.