वाराणसी: अमेरिका यात्रा के दौरान विगत सितंबर माह में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी द्वारा भारत में सिख समुदाय को लेकर दिए गए बयान को लेकर सोमवार को अदालत में सुनवाई हुई. एसीजेएम चतुर्थ/(एमपी-एमएलए कोर्ट) नीरज कुमार त्रिपाठी की कोर्ट में हुई सुनवाई में विपक्षी कांग्रेस नेता और सांसद राहुल गांधी की ओर से अधिवक्ता अनुज यादव की ओर से इस मामले में प्रार्थना पत्र के साथ तमाम विधि व्यवस्थाएं दाखिल करके वादी को कॉपी उपलब्ध कराई गई कि उन्हें इस स्तर पर सुना जा सकता है.
सुप्रीम कोर्ट की नजीरों का हवाला
साथ ही सुप्रीम कोर्ट की नजीरों का भी हवाला दिया गया. जिस पर न्यायालय ने सुनवाई के लिए अगली तिथि 4 सितम्बर नियत कर दी. वहीं इस मामले सुनवाई के दौरान वादी की ओर से उनके अधिवक्ता अधिवक्ता अलख नारायण सिंह और विवेक शंकर तिवारी कोर्ट में मौजूद रहे.
पुनः सुनवाई का दिया गया था आदेश
बता दें कि पिछले दिनों विशेष न्यायाधीश (एमपी/एमएलए कोर्ट) की अदालत ने अवर न्यायालय को पुनः विधि के सिद्धांतों के अनुसार इस मामले को सुनने का आदेश दिया था. इसी के तहत अवर न्यायालय में सुनवाई के लिए लंबित है. मालूम हो कि बीते वर्ष के सितम्बर माह में राहुल गांधी ने अमेरिका में भड़काऊ बयान देते हुए कहा था कि भारत में सिखों के लिए माहौल अच्छा नहीं है, क्या एक सिक्ख के रूप में पगड़ी बांधने, कड़ा पहनने और गुरुद्वारा जाने की अनुमति मिलेगी.
इस बयान को तिलमापुर सारनाथ के नागेश्वर मिश्र ने देश में गृह युद्ध भड़काने की साज़िश करार देते हुए न्यायिक मजिस्ट्रेट (द्वितीय) की अदालत में वाद दाखिल किया था. जिसके बाद अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (एमपी-एमएलए) की अदालत ने इस वाद को सुनवाई के बाद खारिज कर दिया था. इस पर अवर न्यायालय के आदेश के खिलाफ नागेश्वर मिश्रा ने सत्र न्यायालय में निगरानी याचिका दाखिल किया था. बाद में सत्र न्यायालय ने निगरानी अर्जी स्वीकार करते हुए अवर न्यायालय को पुनः सुनवाई के आदेश दिया था.