
वाराणसी - बीच शहर की यातायात व्यवस्था सुधारने और ऐतिहासिक दालमंडी क्षेत्र के चौड़ीकरण एवं शुद्धिकरण को रफ्तार देने के लिए जिला प्रशासन ने भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी है. इस संबंध में जिला प्रशासन वाराणसी द्वारा सामाजिक प्रभाव आकलन (Social Impact Assessment) की प्रारंभिक अधिसूचना जारी की गई है.
इस अधिसूचना के अनुसार तहसील सदर अंतर्गत काशीपुरा, शहर खास एवं रामापुरा क्षेत्रों में स्थित कुल 10,119.512 वर्ग मीटर भूमि दालमंडी मार्ग के चौड़ीकरण एवं शुद्धिकरण कार्य के लिए प्रस्तावित है. यह भूमि प्राथमिक रूप से आपसी सहमति (समझौते) के आधार पर अधिग्रहित की जाएगी. यदि किसी प्रकरण में सहमति नहीं बन पाई, तो ऐसे मामलों में भूमि अधिग्रहण, पुनर्वासन एवं पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम, 2013 के प्रावधानों के अंतर्गत कार्रवाई की जाएगी.
अधिसूचना में उल्लेख किया गया है कि सामाजिक प्रभाव आकलन एवं सामाजिक प्रभाव प्रबंधन योजना का कार्य चयनित एजेंसी एम/एस ईएनवी डेवलपमेंट असिस्टेंस (आई) प्राइवेट लिमिटेड, लखनऊ द्वारा किया जाएगा. इसके अंतर्गत प्रभावित परिवारों, भवनों, दुकानों और व्यवसायों पर पड़ने वाले प्रभाव का विस्तृत अध्ययन किया जाएगा. प्रस्तावित योजना के तहत दालमंडी क्षेत्र में यातायात सुगमता, भीड़भाड़ में कमी और शहरी सौंदर्यीकरण को प्राथमिक लक्ष्य बताया गया है. जिला प्रशासन ने संबंधित क्षेत्रों के नागरिकों से सहयोग की अपील करते हुए कहा है कि सामाजिक प्रभाव आकलन के दौरान आवश्यक सूचनाएं उपलब्ध कराएं, ताकि प्रक्रिया पारदर्शी एवं न्यायसंगत तरीके से पूरी की जा सके.
जिला प्रशासन के अनुसार, सामाजिक समाघात निर्धारण की यह प्रक्रिया 15 दिनों के भीतर पूर्ण कर ली जाएगी, जिसके बाद आगे की कार्यवाही की जाएगी. गौरतलब है की दालमंडी सडक चौड़ीकरण योजना मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की महत्वाकांक्षी योजना है और उन्होंने इसे प्राथमिकता के आधार पर करने का निर्देश दिया है. पिछले दिनों दालमंडी चौड़ीकरण के लिए गए सरकारी विभागों की टीम को भारी विरोध का सामना करना पड़ा था और यह मामला सडक से संसद तक उछला. इसके बाद अब सरकार ने भूमि अधिग्रहण की ओर कदम बढ़ा दिया है.




