
वाराणसी - देव दीपावली पर पांच नवम्बर को दुनिया भर से काशी में पहुंचने वाली भीड़ की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर कमिश्नरेट पुलिस की तैयारियां शुरू हो गई हैं. घाटों पर अनगिनत दीपों की झिलमिलाहट के बीच गंगा में पांच किलोमीटर तक जेटी से बैरिकेडिंग की जाएगी. प्रयागराज से शुक्रवार को जेटी भी रविदास घाट पहुंच गई. रविवार तक और भी जेटी पहुंचेगी.
अस्सी घाट से लेकर नमो घाट के बीच बैरिकेडिंग कर क्रूज और मोटरबोट के संचालन के लिए रूट तैयार किया जा रहा है. एक-एक किमी पर कट बनाए जाएंगे. ताकि कोई भी मोटरबोट लेकर इधर-उधर प्रवेश न कर सके. बैरिकेडिंग के अंदर ही मोटरबोट का संचालन किया जाएगा. छोटी नाव यानी हाथ से चलने वाली नावें पूरी तरह से प्रतिबंधित होंगी. चार नवंबर की रात से ही गंगा में डायवर्जन प्लान लागू हो जाएगा.
गंगा में मोटरबोट और क्रूज का रूट तय
इस साल गंगा का जलस्तर भी ज्यादा है. दो नवंबर को जिला और पुलिस अधिकारियों समेत सभी विभागों की संयुक्त समन्वय बैठक भी होनी है. जल पुलिस और एनडीआरएफ अधिकारियों के अनुसार गंगा में पांच किमी तक बैरिकेडिंग के बीच मोटरबोट और क्रूज का रूट निर्धारित किया गया है. चेतसिंह किला घाट के पास बैरिकेडिंग नहीं होगी. लगभग एक-एक किलोमीटर पर कट होगा ताकि सुरक्षा के तहत आराम से मोटरबोट का घुमाव हो सके. प्रमुख घाटों जैसे दशाश्वमेध, अस्सी, नमो घाट, पंचगंगा घाट पर गंगा आरती के दौरान घाट किनारे कोई भी नाव नहीं खड़ी होगी. सभी पर प्रतिबंध होगा. गंगा के बीच जेटी से बैरिकेडिंग के अंदर ही सभी मोटरबोट चलेंगे.
सुरक्षा व्यवस्था को लेकर लिए जाएंगे कई फैसले
गंगा घाटों पर सुरक्षा व्यवस्था संबंधित बिंदुओं पर जिला प्रशासन, नगर निगम, स्मार्ट सिटी और पुलिस अधिकारियों, पर्यटन समेत अन्य की संयुक्त बैठक में और भी कई निर्णय लिए जाएंगे. जल पुलिस प्रभारी राजकिशोर पांडेय ने बताया कि प्रयागराज से जेटी के आने का क्रम शुरू हो गया है. देव दीपावली के दिन बाहरी मोटरबोट, बजड़े के प्रवेश पर प्रतिबंध रहेगा. सामनेघाट पुल और नमो घाट के बाद से किसी भी मोटरबोट को बीच गंगा में नहीं आने दिया जाएगा. क्रूज और मोटरबोट का रूट निर्धारित किया जा रहा है.
20 क्रूज और 1200 से अधिक मोटरबोट और बजड़े
देव दीपावली पर बजड़े, मोटरबोट के अलावा 20 क्रूज का भी संचालन होगा. क्रूज की बुकिंग लगभग 95 फीसदी तक पूरी हो चुकी है. गंगा में देव दीपावली के दिन 1200 मोटरबोट और बजड़े का संचालन होना है. नाविकों ने जल पुलिस को सुझाव दिया है कि प्रमुख घाटों के नावों को उन्हीं घाटों पर खड़ा कराया जाए. गंगा में जलस्तर को देखते हुए क्रूज का संचालन रेत की तरफ किया जाए या नमो घाट पर खड़ा कराया जाए. बीच में मोटरबोट, बजड़े का संचालन हो. 20 से अधिक क्रूज का संचालन गंगा में होगा तो फिर मोटरबोट समेत अन्य नावों के संचालन में दिक्कतें आएंगी. सभी क्रूज को नमो घाट पर खड़ा कर गंगा आरती भी दिखाई जा सकती है.




