
वाराणसी - धनतेरस पर शनिवार को मां अन्नपूर्णा के कपाट खुल गए. एक साल बाद दरबार खुलते ही श्रद्धालुओं में मां की स्वर्णिम आभा को निहारने की होड़ मच गई. परंपरा के अनुसार भक्तों में खजाना भी वितरित किया जा रहा. इससे पूर्व धनतेरस पर ब्रह्म मुहूर्त में आरंभ हुआ पूजन करीब एक घंटे तक चला. प्रातः 5 बजे दर्शन हेतु कपाट खोल दिए गए. दर्शन के लिए रात से भक्तों की लंबी कतार लग गई थी. भक्तों को पांच दिन तक मां के दर्शन का सौभाग्य मिलेगा.
छोटे से कमरे में विराजमान देवी के दर्शन की उत्सुकता ऐसी कि हर कोई नजर भर कर देख लेना चाह रहा है. उस पर भीड़ का दबाव इतना कि स्वर्णमयी अन्नपूर्णा देवी की एक झलक ही मिल पा रही थी. स्वर्ण अन्नपूर्णेश्वरी के दर्शन और खजाने की चाहत में दिन भर आस्थावानों का सैलाब उमड़ता रहा.

दक्षिण भारतीय श्रद्धालु भी पहुंचे
भक्तों की कतार एक दिन पहले लगनी शुरू हो गई. हुजूम लगातार बढ़ता गया. शुक्रवार की रात दस बजे ही बांसफाटक से गोदौलिया तक लाइन थी. आरा, बक्सर, पटना, प्रयागराज के भक्तों को पहले स्वर्णमयी अन्नपूर्णा के दर्शन मिले. दक्षिण भारत से हजारों की संख्या में भक्त तीन दिन पहले ही काशी पहुंचे चुके थे. सुबह दक्षिण भारतीय भक्तों की मौजूदगी अधिक दिखी.

विश्वनाथ धाम में भी बंटा मां का खजाना
श्रीकाशी विश्वनाथ धाम में स्थापित माता अन्नपूर्णा के कक्ष से चौथी बार खजाना वितरण हो रहा. सौ साल बाद कनाडा से भारत लौटने पर माता की मूर्ति की पुन स्थापना सीएम योगी आदित्यनाथ ने की थी. शनिवार को श्रद्धालुओं को लावा और सिक्का वितरित किया जा रहा. सीईओ विश्व भूषण मिश्रा ने श्रद्धालुओं में खजाना प्रसाद वितरित कराया.




