
Lifestyle News: शरीर में दिल एक शक्तिशाली मांसपेशी है जो जीवन भर लगातार रक्त को पंप करने का काम करता है. यह रक्त के माध्यम से शरीर की हर कोशिका तक ऑक्सीजन और पोषक तत्व पहुंचाता है और अपशिष्ट पदार्थों को बाहर निकालता है. जिससे शरीर के सभी अंग आसानी से ठीक ढंग से काम कर पाते हैं. लेकिन एक मरीज का दिल एक मिनट में 200 बार तक धड़क रहा था. ये कोई आम बात नहीं बल्कि एक तरह की बीमारी है, जिसका इलाज करने से बहुत से डॉक्टरों ने मना कर दिया. लेकिन भारत के एक डॉक्टर ने इस बीमारी की जड़ तक जाकर मरीज को सही कर दिखाया.

भारत की इस कामयाबी से ये तो साबित हो गया कि भारत के डॉक्टर दुनियाभर में बेस्ट हैं. बता दें, एक मरीज की दुर्लभ बीमारी का इलाज भारत में सफलतापूर्वक हुआ. हैरानी की बात तो यह है कि, उसके खुद के देश के डॉक्टर उसका ढंग से इलाज करने में घबरा रहे थे, यह मरीज कोई बड़ा नहीं बल्कि, 7 साल का एक बच्चा था, जिसे इंसेसेंट टैकीकार्डिया की बीमारी ने अपनी चपेट में ले लिया था. इसी के चलते उसका दिल एक मिनट में 170 से 200 बार धड़कने लगा था. जबकि सामान्य हार्ट बीट 75 से 118 होती है.

बता दें, मरीज के दिल में जन्मजात से ही एब्नोर्मल सर्किट था. जिसकी वजह से कई सालों से उसकी तबीयत खराब होने के साथ ही उसका वजन भी घटकर 26 किलोग्राम हो गया था. दिक्कत की बात तो यह रही कि, बच्चे की कम उम्र और वजन में कमी के चलते इराक के डॉक्टर इलाज करने से बच रहे थे और मरीज को ऐसी दवाओं की खतरनाक खुराक दे रखी थी, जो लाइफ क्वालिटी को खराब कर सकते थे. हालांकि, पीड़ित का इलाज भारत में होने के बाद से वो इस बीमारी से निजात पा गया.

डॉक्टर के मुताबिक इंसेसेंट टैकीकार्डिया में दिल लगातार तेजी गति से धड़कता है. यह स्थिति अपने आप सामान्य नहीं होती और सही इलाज की जरूरत होती है. इतनी तेज हार्टबीट की वजह से दिल की मसल्स कमजोर हो जाती हैं और हार्ट फेलियर का खतरा बढ़ जाता है.




