वाराणसी : राजघाट क्षेत्र में केंद्रीय जल आयोग (CWC) के मापन के अनुसार गंगा नदी का जलस्तर अब धीरे-धीरे घटने लगा है . शनिवार रात 8 बजे दर्ज किए गए आंकड़ों के मुताबिक गंगा का जलस्तर 70.42 मीटर पर है, जो चेतावनी स्तर 70.262 मीटर से थोड़ा ऊपर है, लेकिन खतरे के स्तर 71.262 मीटर से काफी कम है .
जलस्तर में गिरावट का क्रम
पिछले कुछ दिनों में तेज बारिश और upstream क्षेत्रों से पानी आने के कारण गंगा का जलस्तर बढ़ा था, जिससे राजघाट और आसपास के इलाकों में सतर्कता बरती जा रही थी . हालांकि, आज के आंकड़ों के मुताबिक जलस्तर घटाव की ओर है, और गिरावट की दर लगभग 3 सेंटीमीटर प्रति घंटे दर्ज की गई है . विशेषज्ञों का कहना है कि अगर यह गिरावट इसी क्रम में बनी रहती है, तो अगले 24 से 48 घंटों में नदी का जलस्तर पूरी तरह खतरे के स्तर से नीचे आ जाएगा .
गंगा के उच्चतम जलस्तर (H.F.L.) की तुलना में अभी जलस्तर 73.901 मीटर से काफी कम है, जिससे नगर प्रशासन और आपदा प्रबंधन विभाग ने राहत की सांस ली है . प्रशासन ने बताया कि अलर्ट जारी रहने के बावजूद इस समय आम जन जीवन पर पानी का कोई गंभीर प्रभाव नहीं पड़ रहा है .
आम जन जीवन पर प्रभाव
राजघाट और आसपास के तटवर्ती इलाकों में रहने वाले लोग अब अपने दैनिक कार्य सामान्य रूप से कर रहे हैं . स्थानीय मछुआरे, नाविक और घाट पर काम करने वाले लोग भी पहले जैसी घबराहट महसूस नहीं कर रहे हैं . बाजारों में आम लोगों की आवाजाही सुचारू रूप से हो रही है और पर्यटन पर भी फिलहाल कोई असर नहीं पड़ा है .
प्रशासन की सतर्कता
हालांकि जलस्तर घटने लगा है, प्रशासन ने चेतावनी जारी रखते हुए कहा है कि कोई भी जोखिम पूरी तरह समाप्त नहीं हुआ है . नगर निगम और पुलिस प्रशासन ने नदी किनारे सतर्कता बढ़ा रखी है और सभी घाटों पर चौकसी बनाए रखने के निर्देश दिए गए हैं . आपदा प्रबंधन विभाग ने स्थानीय लोगों से अपील की है कि नदी के किनारे अनावश्यक भीड़ से बचें और बचाव उपकरणों की उपलब्धता पर ध्यान दें .
गंगा नदी का जलस्तर घटने से नागरिकों और प्रशासन को राहत मिली है . पानी खतरे के स्तर से नीचे है और दैनिक जीवन पर फिलहाल कोई गंभीर असर नहीं पड़ा . बावजूद इसके प्रशासन सतर्क है और स्थानीय लोग भी नदी के किनारे सुरक्षा उपायों का पालन कर रहे हैं