
वाराणसी: ज्ञानवापी विवाद से जुड़ा 1991 का मुकदमा एक बार फिर सुर्खियों में है. इस मामले में दाखिल पुनरीक्षण याचिका पर शुक्रवार को अपर जिला जज (चतुर्दश) सुधाकर राय की अदालत में सुनवाई हुई. दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने अपना आदेश सुरक्षित रख लिया है. अब इस पर फैसला 23 सितंबर को सुनाया जाएगा.

क्या है विवाद ?
1991 में हिंदू पक्ष ने मुकदमा दाखिल कर ज्ञानवापी परिसर में नए मंदिर के निर्माण और पूजा-पाठ की अनुमति मांगी थी. इसी मामले में लोहता निवासी मुख्तार अहमद अंसारी ने खुद को पक्षकार बनाए जाने की याचिका दाखिल की थी.

निचली अदालत का फैसला
इस साल 2 मई को सिविल जज (सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक) प्रशांत कुमार सिंह की अदालत ने मुख्तार अहमद अंसारी की याचिका को खारिज कर दिया था. इसके खिलाफ ही अब पुनरीक्षण याचिका दायर की गई है.
अदालत में क्या हुआ ?
सुनवाई के दौरान वाद मित्र विजय शंकर रस्तोगी ने सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट की कई रूलिंग्स अदालत में पेश कीं. इससे पहले वादी पक्ष की ओर से भी अहम नज़ीर दाखिल की जा चुकी थी. बहस के बाद अदालत ने कहा कि आदेश 23 सितंबर को सुनाया जाएगा.
क्यों है अहम यह आदेश ?
ज्ञानवापी परिसर का विवाद देशभर में संवेदनशील माना जाता है. अदालत का आने वाला फैसला मुकदमे की दिशा तय करेगा और दोनों पक्षों के लिए अहम साबित हो सकता है.





