
वाराणसीः अवैध कप सिरप प्रकरण में कांग्रेस के अजय राय के बाद चंदौली के सपा सांसद वीरेंद्र सिंह ने इस पूरे प्रकरण में लापीपोती का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि इस अवैध कप सिरप प्रकरण का सिंडीकेट चलाने में कई सफेदपोश राजनेता संग विभागी अधिकारी सीधे तौर पर शामिल हैं.
सांसद शुक्रवार को अर्दली बाजार के टैगोर टाउन स्थित आवास पर मीडिया से रूबरू थे. एक सवाल के जवाब में सांसद ने कहा कि कफ सिरप मामले मे अमित सिंह टाटा नामक व्यक्ति की गिरफ्तारी एक नाटक है. पूरे मामले में असली चेहरों का सामने आना अभी बाकि है. उन्होंने कहा कि वह इस मुद्दे को शीतकालीन सत्र में संसद में मामले उठाकर पूरे प्रकरण की सीबीआई जांच की मांग करेंगे.
चुनाव आयोग क्यों हैं जल्दी में
SIR को लेकर भी सपा सांसद ने सवाल उठाया और पूता कि आखिर चुनाव आयोग इसको लेकेर इतनी जल्दी में क्यों है. अभी उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने में एक साल से जयादा का समय है. ऐसे में इसके लिए 4 दिसंबर तक समय सीमा तय कर देना कहीं से न्याया संगत नहीं है. उन्होंने आरोप लगाया कि इसको लेकर चुनाव आयोगग की मंशा ठीक नजर नहीं आती. आयोग चाहते हैं कि इतने कम समय में जिन लोगों के नाम जुड़ जाए उतनी जल्दी वे वैध मतदाताओं के नाम काट सके.

बढ़ाई जाए समय सीमा व ठीक से भरे जाए फार्म
सपा सांसद ने मांगी उठाई कि SIR को लेकर इसकी समय सीमा कम से कम छह माह बढ़ाई जाए. साथ ही कोई मतदाता इससे छूट न जाए इसका पूरा प्रयास करते हुए फार्म सही ढंग से भरवाए जाए. बिहार चुनाव के परिणाम को लेकर उठे सवालों पर सांसद ने जवाब दिया कि वहां SIR के माध्यम से जितने लोगों का नाम काटा गया उनमें से कितने लोगों को बाहर निकाला गया इसका डाटा आजतक चुनाव आयोग नहीं दे सका. आखिरी समय में क्यों और किसके इशारे पर लाखों की संख्या में मतदाताओं ने नाम सूची में जोड़े गए उसपर कोई जवाब नहीं देता. आरोप लगाया कि सरकार SIR के प्रयोग से लोकतंत्र की हत्या करने का काम कर रही है. इसको लेकर हमारी मांग पूरी न हुई तो सड़क से संसद तक लड़ाई होगी. इसके साथ ही प्रदेश सरकार पर उन्होंने कटाक्ष किया कि बाबा का बुलडोज़र अब तक अपराधियों के यहां क्यों नहीं चला.




