
वाराणसी - साइबर क्राइम थाने की पुलिस ने ने Zepto कंपनी की फ्रेंचाइज़ी दिलाने के नाम पर 20 लाख रुपये से अधिक की ठगी करने वाले अंतरराज्यीय साइबर गिरोह का राजफाश किया है. पुलिस ने गिरोह के सरगना सहित दो शातिर अपराधियों को जमशेदपुर (झारखंड) और नालंदा (बिहार) से गिरफ्तार किया है. उनके कब्जे से 14 मोबाइल फोन, दो लैपटॉप, तीन सिम कार्ड, दो वाई-फाई राउटर, चार फर्जी दस्तावेज और 54 हजार 500 रुपये नकद बरामद किए गए हैं. यह कार्रवाई पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल, पुलिस उपायुक्त अपराध सरवणन टी, अपर पुलिस उपायुक्त साइबर क्राइम नीतू कादयान और सहायक पुलिस आयुक्त विदुष सक्सेना के निर्देशन में प्रभारी निरीक्षक साइबर क्राइम गोपाल जी कुशवाहा के नेतृत्व में की गई.
थाना साइबर क्राइम में पुलिस उपायुक्त अपराध टी सरवन ने बताया कि आयुष कुमार पुत्र संजय कुमार निवासी थाना रोहनिया ने 13 अगस्त को तहरीर दी थी कि कुछ अज्ञात लोगों ने Zepto कंपनी की फ्रेंचाइज़ी दिलाने के नाम पर उनसे 20 लाख 16 हजार 500 रुपये की ठगी कर ली। इस प्रकरण में थाना साइबर क्राइम पर मु0अ0सं0 29/2025 धारा 318(4) बीएनएस व 66डी आईटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। विवेचना के दौरान इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस और डिजिटल फुटप्रिंट का गहन विश्लेषण कर पुलिस ने गिरोह की लोकेशन झारखंड और बिहार में चिन्हित की। दो टीमों ने एक साथ छापेमारी कर दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।

अपराध करने का तरीका
पुलिस के अनुसार गिरोह का अपराध करने का तरीका अत्यंत पेशेवर था. आरोपी जेप्टो, ब्लिकिट, वॉलमो, अमूल डेयरी और जुडिओ जैसी प्रसिद्ध कंपनियों की फर्जी वेबसाइटें बनाते थे, मेटा और गूगल जैसे प्लेटफार्म पर इन वेबसाइटों के विज्ञापन चलाए जाते थे ताकि जब कोई व्यक्ति इन कंपनियों से संबंधित जानकारी खोजे तो सबसे पहले यही साइटें दिखाई दें. लोग इन वेबसाइटों पर अपना नाम, पता, ईमेल और संपर्क जानकारी दर्ज कर देते थे, जो वेबसाइट के वेब ईमेल फीचर के माध्यम से सीधे इन अपराधियों तक पहुंच जाती थी. इसके बाद वे खुद को कंपनी का प्रतिनिधि बताकर पीड़ित से संपर्क करते थे, फर्जी इंटेंट लेटर, इनवॉइस और रजिस्ट्रेशन फॉर्म भेजते थे और फिर सिक्योरिटी मनी या रजिस्ट्रेशन फीस के नाम पर लाखों रुपये की ठगी कर लेते थे.

इनकी हुई गिरफ़्तारी
गिरफ्तार अभियुक्तों में शातनु कुमार पुत्र नागेन्द्र प्रसाद निवासी गोईलकेरा, ईस्ट सिंहभूम, जमशेदपुर (झारखंड) मूल निवासी ग्राम मीरचक, थाना बारिसअलीगंज, जनपद नवादा, बिहार, उम्र 25 वर्ष, गिरोह का सरगना बताया गया है. दूसरा अभियुक्त विकास कुमार पुत्र अनिल प्रसाद निवासी लालवीया, थाना फाशीचक, जनपद नवादा, बिहार, उम्र 30 वर्ष, गिरोह का सक्रिय सदस्य है. यह आरोपी पूर्व में महाराष्ट्र में साइबर अपराध के मामले में जेल जा चुका है. बरामद सामग्री में 14 एंड्रॉयड मोबाइल जिनकी अनुमानित कीमत दो लाख बीस हजार रुपये, दो की-पैड मोबाइल लगभग चार हजार रुपये, दो लैपटॉप लगभग डेढ़ लाख रुपये, दो वाई-फाई राउटर पंद्रह हजार रुपये मूल्य के, तीन सिम कार्ड, चार फर्जी दस्तावेज और नकद चौवन हजार पांच सौ रुपये शामिल हैं.
गिरफ्तारी और बरामदगी में साइबर क्राइम थाना की टीम में प्रभारी निरीक्षक गोपाल जी कुशवाहा, निरीक्षक राकेश कुमार गौतम, उपनिरीक्षक संजय कनौजिया, शैलेन्द्र कुमार, विवेक सिंह तथा कांस्टेबल चन्द्रशेखर यादव, देवेन्द्र यादव, दिलीप यादव, मनीष सिंह, अनिल मौर्या, गौरव तोमर, धर्मेन्द्र यादव, रजनीकान्त, सूर्यकुमार, गौतम कुमार, विजय कुमार, बृजेश कुमार और त्रिलोकी कुमार शामिल रहे.




