Wednesday, 03 September 2025

वाराणसी में जैन धर्मावलंबियों ने मनाया पर्यूषण पर्व, आचार्य ने क्षमा का दिया संदेश

वाराणसी में जैन धर्मावलंबियों ने मनाया पर्यूषण पर्व, आचार्य ने क्षमा का दिया संदेश
Aug 29, 2025, 07:12 AM
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Posted By Nidhi Pandey

वाराणसीः जैन धर्म का पर्यूषण पर्व गुरुवार को शुरू हुआ. भदैनी स्थित पंचायती दिगंबर जैन मंदिर, जो भगवान सुपार्श्वनाथ की जन्मस्थली है में प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षा और शांति के लिए विशेष पूजा—शांति धारा—का आयोजन किया गया. यह पर्व अनंत चतुर्दशी 6 सितंबर तक चलेगा.


पहले दिन विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों का आयोजन किया गया, जिसमें विनय पाठ, गुरु पूजा, भगवान सुपार्श्वनाथ और अन्य 24 तीर्थंकरों की पूजा, नंदीश्वर दीप पूजा, पंचमेर पूजा और दस लक्षणों की पूजा के साथ स्वयं-भू स्तोत्र का पाठ शामिल था.



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क्षमा भाव रखना सर्वोच्च धर्म


जैन आचार्य सुरेंद्र कुमार जैन ने इस अवसर पर कहा कि क्रोध का कारण होने पर भी उसे नियंत्रित करना और दूसरों के प्रति क्षमा भाव रखना सर्वोच्च धर्म है.उन्होंने कहा कि क्रोध धर्म को नष्ट कर देता है और क्षमा की नींव विनम्रता पर आधारित होती है. क्षमा एक मौन प्रार्थना है.



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24 तीर्थंकरों में से चार का जन्म बनारस में


विश्व शांति के लिए भेलूपुर स्थित भगवान पार्श्वनाथ की जन्मस्थली पर दस लक्षणों की पूजा भी आयोजित की गई. दिगंबर जैन समाज, काशी के उपाध्यक्ष राकेश जैन ने बताया कि जैन धर्म के 24 तीर्थंकरों में से चार का जन्म बनारस में हुआ है, जो समाज के लिए गर्व की बात है.

जैन समाज के अध्यक्ष आरसी जैन और उपाध्यक्ष संजय जैन ने कहा कि यह 10-दिवसीय पर्व आत्मशुद्धि और आत्मसंयम का अवसर है. इस मौके पर विनोद जैन, पवन जैन, आलोक जैन, सुधीर कुमार पोद्दार, किशोर जैन समेत कई समाजसेवी और श्रद्धालु उपस्थित रहे.

Nidhi Pandey

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