
वाराणसी : महादेव की नगरी काशी में दीपावली पर मां महाकाली का पूजन हुआ. शहर में 50 से अधिक पूजा पंडालों में मां काली तंत्रोक्त विधि से महानिशीथ काल में आह्वान किया गया. सोमवार की दोपहर के बाद से ही पूजा पंडालों में माता की पूजा की तैयारियां शुरू हो गईं. देर शाम श्रद्धालु भी पूजा पंडालों में माता के दर्शन के लिए पहुंचते रहे. देवनाथपुरा स्थित नवसंघ के पंडाल में महानिशीथ काल में मां काली का पूजन आरंभ हुआ. वैदिक मंत्रोच्चार के साथ चक्षुदान व प्राण प्रतिष्ठा हुई. कलश स्थापना, पंचदेव पूजन के साथ ही माता की आराधना आरंभ हो गई. माता को कुष्मांड की बलि अर्पित की गई. शाम को पंडालों में दीपदान किया गया.
पांडेयघाट स्थित प्राचीन मां काली व मां तारा, मां दुर्गा का विशेष पूजन व शृंगार किया गया. रात में माता को फूल अर्पित करने के बाद प्रसाद वितरण किया गया. पूजन व आरती बंगाल से आए पुरोहितों ने संपन्न कराया. सोनारपुरा स्थित वाणी संघ, दारानगर, दशाश्वमेध, बंगाली टोला के पंडालों में काली मां की पूजा हुई. देवनाथपुरा स्थित मां शवशिवा काली मंदिर, नारद घाट, नवापुरा, श्यामा नगर काॅलोनी, बरेका और लंका में मां काली का पूजन किया गया. दीपावली पर दुर्गाकुंड स्थित मणि मंदिर में संत समाज, बटुकों और श्रद्धालुओं ने दीपदान किया. सनातन धर्म के प्रतीक चिह्न और सहस्त्र मालिका दीप जब एक साथ प्रज्ज्वलित हुई तो समूचा परिसर दीयों की रोशनी से नहा उठा.




