
वाराणसी . मुख्तार अंसारी की पत्नी आफ्सा अंसारी द्वारा अपनी सम्पत्ति के कुर्की आदेश पर रोक लगाने सम्बंधी आवेदन को विशेष न्यायाधीश एम.पी./एम.एल.ए, एवं अपर सत्र न्यायाधीश कक्ष संख्या- 1 गाजीपुर शक्ति सिंह द्वारा खारिज कर दिया गया है। इस मामले में फर्जी वकालतनामा दाखिल करने में उमर अंसारी पुत्र मुख्तार अंसारी पूर्व में कई माह जेल में निरुद्ध रह चुका है। विशेष न्यायाधीश एम.पी./एम.एल.ए. श्री शक्ति सिंह पूर्व में जनपद मुज्जफरनगर में भी कई मामलों में निर्णय पारित कर चुके हैं.
चर्चित रामपुर तिराहा काण्ड में भी निर्णय उन्ही के द्वारा जनपद मुज्जफरनगर में तैनाती के दौरान दिया गया था। न्यायालय ने अपने आदेश में यह उल्लेख किया है कि प्रश्नगत प्रकरण में प्रार्थना पत्र वस्तुतः आवेदिका द्वारा दायर किया जाना भी सन्देहास्पद है एवं मु०अ०सं०-245/2025, अन्तर्गत धारा 319(2),318(4), 338,336(3),340(2) भा0न्या0सं0, थाना मुहम्मदाबाद, जिला गाजीपुर इस आधार पर दर्ज किया गया है कि आवेदिका के फर्जी हस्ताक्षर वकालतनामे पर बनाकर आवेदन न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया है। उक्त प्रकरण में आवेदिका के अधिवक्ता लियाकत अली एवं उमर अंसारी पुत्र मुख्तार अंसारी के विरूद्ध अभियोग पंजीकृत किया गया है.
अभियोजन के अनुसार वकालतनामे पर उपलब्ध हस्ताक्षर आवेदिका आफ्सा अंसारी के न होने के सम्बन्ध में विधि विज्ञान प्रयोगशाला द्वारा भी अभिमत दिया गया है.




