
वाराणसी - कार्तिक पूर्णिमा पर काशी में गंगा घाटों पर भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने गंगा में आस्था की डुबकी लगाई. अस्सी से राजघाट के साथ ही गंगा गोमती के संगम पर भी स्नान के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी रही. मंगलवार की शाम से ही गंगा के तट पर श्रद्धालुओं के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया था. बुधवार की सुबह सूर्य की पहली किरण के साथ गंगा में पूर्णिमा का स्नान आरंभ हो गया. दोपहर तक स्नान का सिलसिला चलता रहा. गंगा घाटों पर बैरिकेडिंग भी की गई है. गंगा गोमती संगम क्षेत्र में भी सुबह से ही भारी संख्या में श्रद्धालु जुटे. हर हर गंगे, नमः शिवाय और जय मां गंगे के जयकारों से पूरा घाट क्षेत्र गुंजायमान रहा. महिलाओं, बुजुर्गों और युवाओं ने गंगा में आस्था की डुबकी लगाकर पुण्य अर्जित किया और परिवार की सुख-समृद्धि की कामना की. पुराणों के अनुसार, कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा स्नान और दान करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है. इसी मान्यता के चलते भक्त घाटों की ओर रुख करने लगे थे. भीड़ के बावजूद श्रद्धालुओं में उत्साह और भक्ति का भाव देखने लायक रहा.

घाट, सड़क से लेकर गालियां भी ठसाठस
कार्तिक पूर्णिमा के पावन अवसर पर बुधवार को काशी में आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा. तड़के से ही गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ इतनी बढ़ गई कि सुबह 9-10 बजे के करीब गोदौलिया और गिरजाघर चौराहे पर प्रशासन को पैदल श्रद्धालुओं को रोकना पड़ा. गंगा स्नान के लिए पहुंचे लाखों लोगों के कारण घाटों से लेकर गलियों तक जाम की स्थिति हो गई.
सुबह के समय दशाश्वमेध, अस्सी, राजेन्द्र प्रसाद और मणिकर्णिका घाटों पर कदम रखने की जगह नहीं थी. पुलिस और प्रशासन ने भीड़ नियंत्रण के लिए जगह-जगह बैरिकेडिंग की और लाउडस्पीकर से श्रद्धालुओं को घाट खाली करने की अपील की. अनुमान है कि करीब 5 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने गंगा में पुण्य स्नान किया.

विश्वनाथ धाम में लम्बी कतार
काशी विश्वनाथ मंदिर में भी श्रद्धालुओं की लंबी कतार देखने को मिली. छत्ताद्वार, सरस्वती फाटक और कोतवालपुरा मार्ग पर भक्तों का हुजूम लगातार बढ़ता गया. पुलिस प्रशासन समेत सामाजिक संगठनों ने प्रमुख घाटों के पास शिविर लगाकर दूरदराज से आए श्रद्धालुओं की मदद में लगे हुए हैं. राजघाट, दशाश्वमेध घाट समेत अन्य प्रमुख घाटों पर भीड़ को कंट्रोल करने के लिए एडिशनल पोस्ट पुलिसकर्मियों ने खुद भी कमान संभाली है. श्रद्धालुओं की सुरक्षा को देखते हुए सभी घाटों को 10 जोन, 18 सेक्टर और 34 सब सेक्टर में बांटा गया है. घाटों पर ड्रोन से भी निगरानी की जा रही है. कमांड सेंटर से भी घाटों की मॉनिटरिंग की जा रही है.




