
वाराणसी - गंगा का जलस्तर एक बार फिर जिले के लिए चुनौती का विषय बन गया है. देव दीपावली पर जहां कुछ घाटों का बाढ़ के पानी की वजह से आपसी संपर्क टूट गया था. वहीं बढ़ता जलस्तर और घाटों का भी संपर्क कट रहा है. पर्यटन सीजन में गंगा में बढ़ता जलस्तर पर्यटकों को ही नहीं बल्कि आमजन को भी हैरान किए हुए है.
बताते हैं कि विगत दिनों बारिश के बाद से दोबारा गंगा का जलस्तर बढ़ने लगा तो उम्मीद बढ़ी कि जल्द यह बढ़ाव थम जाएगा लेकिन हुआ इसके विपरीत. दरअसल गंगा का जलस्तर बढ़ते बढ़ते अब दशाश्वमेध घाट के गंगा आरती स्थल तक जा पहुंचा है. माना जा रहा है कि यह अभी और बढ़ा तो आरती स्थल पहली बार सर्दियों में बदलने की नौबत आ सकती है.

एक सेमी प्रतिघंटे की दर से बढाव
राजघाट केंद्रीय जल आयोग के अनुसार गंगा में पहले सुस्त गति से जलस्तर बढ़ रहा था जो अब शुक्रवार दोपहर एक बजे से एक सेटीमीटर प्रतिघंटे की दर से गंगा का जलस्तर बढ़ने लगा है. गंगा में बढ़ाव की आगे कुछ समय तक और भी सूरत बनी रहने की उम्मीद जल आयोग की ओर से जताई गई है. जलस्तर बढ़ने के साथ ही गंगा में नौकायन को लेकर भी समस्याएं बढ़ने लगी हैं. गंगा में जलस्तर बढ़ने और तेज हवा का रुख होने पर नौकाओं का संचालन एक बार फिर बाधित होने की नौबत आ सकती है.
केंद्रीय जल आयोग के अनुसार पहाड़ी नदियों का जलस्तर बढ़ने के कारण गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी हो रही है..लौटते हुए मानसून के कारण मध्य प्रदेश के कई क्षेत्रों में बरसात हुई है. इसके कारण चंबल, बेतवा और केन में जलस्तर बढ़ा है और इसके कारण यमुना के जलस्तर में बढ़ोतरी हुई. यही कारण है कि गंगा के जलस्तर में भी बढ़ोतरी का सिलसिला बना हुआ है.




