वाराणसी: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) अपनी स्थापना के शताब्दी वर्ष को लेकर व्यापक तैयारियों में जुटा है. इस बार दशहरा से शताब्दी वर्ष समारोह की औपचारिक शुरुआत होगी. जिले में 100 से अधिक स्थानों से स्वयंसेवक पथसंचलन निकालेंगे.
शाखा स्तर पर पहली बार पथसंचलन
संघ पहली बार शाखा स्तर पर पथसंचलन आयोजित करने जा रहा है. अब तक मंडल स्तर पर बड़े पैमाने पर संचलन होता था, लेकिन इस बार छोटे-छोटे स्तर पर भी कार्यक्रम होंगे. प्रत्येक 10-12 हजार की आबादी वाले क्षेत्रों में मंडल स्तर पर संचलन निकाला जाएगा.
शताब्दी वर्ष के अवसर पर 1 से 12 अक्टूबर तक अलग-अलग स्थानों पर यह संचलन होगा. इसके लिए स्वयंसेवकों के एकत्र होने के स्थान और मार्ग (रूट) तय किए जा रहे हैं. संघ की योजना है कि अधिक से अधिक स्वयंसेवक शामिल हों और समाज तक एक सकारात्मक संदेश पहुंचे.
घर-घर संपर्क अभियान
शताब्दी वर्ष को समाज से जोड़ने के लिए संघ 5 से 30 नवंबर तक घर-घर संपर्क अभियान भी चलाएगा. इस अभियान में गांव-गांव और बस्ती-बस्ती जाकर लोगों से संवाद किया जाएगा. इस दौरान संघ के कार्यों में सहभागिता बढ़ाने, समाज में सकारात्मकता का प्रसार करने और संघ के विचारों का विस्तार करने पर जोर रहेगा. इसके लिए सैकड़ों टोलियां बनाई जाएंगी, जिनमें प्रत्येक टोली में 4-5 स्वयंसेवक होंगे.
पूर्वाभ्यास अगले माह से
पथसंचलन को सफल बनाने के लिए अगले माह से पूर्वाभ्यास भी शुरू कर दिया जाएगा. संघ के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने बताया कि शताब्दी वर्ष समारोह सिर्फ एक आयोजन या उत्सव नहीं होगा, बल्कि यह पूरा वर्ष विभिन्न कार्यक्रमों और अभियानों के जरिए समाज से जुड़ने का प्रयास रहेगा.