वाराणसी: बच्चों और युवा पीढ़ी में विज्ञान के प्रति लगाव और ज्ञान को बढ़ावा देने के उद्देश्य से वाराणसी में साइंस सिटी और नक्षत्रशाला (Planetarium) की स्थापना की जाएगी. इसके लिए अर्दली बाजार स्थित एलटी कॉलेज परिसर में 5,100 वर्ग मीटर भूमि को चिह्नित किया गया है.
भूमि हस्तांतरण होते ही शुरू होगा निर्माण कार्य
साइंस सिटी के निर्माण की जिम्मेदारी विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग को सौंपी गई है. एलटी कॉलेज की खाली भूमि के साथ ही कुछ जर्जर आवासों के हिस्से को भी इस परियोजना में लिया जाएगा. चूंकि यह स्थान शहर के बीचों-बीच है, इसलिए यहां अधिक से अधिक बच्चे आसानी से पहुंच सकेंगे. हाल ही में विभागीय अधिकारियों ने स्थल का निरीक्षण भी कर लिया है. अब भूमि हस्तांतरण की प्रक्रिया चल रही है. इसके पूरा होते ही निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा.
तारामंडल होगा प्रमुख आकर्षण
साइंस सिटी का मुख्य आकर्षण तारामंडल (Planetarium) होगा. इसमें तारों की स्थिति, सूर्य, चंद्रमा और ग्रहों की गति को प्राकृतिक स्वरूप में प्रदर्शित किया जाएगा. यहां आने वाले विद्यार्थी सौर मंडल और नक्षत्रों की वैज्ञानिक जानकारी आसानी से प्राप्त कर सकेंगे.
आधुनिक गैलरी और टेक्नोलॉजी लैब
साइंस सिटी में विज्ञान और तकनीक से जुड़े कई आधुनिक केंद्र बनाए जाएंगे, जिनमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस गैलरी, आउटडोर विज्ञान प्रदर्शनी, विज्ञान मनोरंजन केंद्र, डिजिटल टेक्नोलॉजी गैलरी, STEM और इनोवेशन लैब, डिजिटल सौरमंडल तथा 3D उड़ी थिएटर और प्रेक्षागृह शामिल हैं. इसके अलावा एक अनुसंधान केंद्र भी बनाया जाएगा, जहां देशभर के छात्र शोध कर सकेंगे.
पर्यावरण और सुविधाओं पर भी विशेष ध्यान
निर्माण कार्य में इस बात का विशेष ध्यान रखा जाएगा कि परिसर का अधिक से अधिक क्षेत्र खुला और हरा-भरा रहे. साथ ही पार्किंग की पर्याप्त व्यवस्था भी की जाएगी. साइंस सिटी में एक उच्च क्षमता वाली दूरबीन भी स्थापित की जाएगी. इससे छात्र न केवल ग्रहों-नक्षत्रों का अवलोकन कर सकेंगे, बल्कि अंतरिक्ष के प्रति उनकी जिज्ञासा और रुचि भी बढ़ेगी.
विज्ञान शिक्षा को मिलेगा नया आयाम
वाराणसी और आसपास के जिलों के विद्यार्थियों के लिए यह साइंस सिटी ज्ञान का एक बड़ा केंद्र बनेगी. यहां आने वाले छात्र न केवल विज्ञान से जुड़े विषयों की जानकारी प्राप्त करेंगे, बल्कि उनमें विज्ञान, शोध और नवाचार के प्रति नई सोच भी विकसित होगी. इस परियोजना की वैज्ञानिक, शैक्षिक और शोधात्मक महत्ता को दर्शाती है, जो भविष्य में काशी को विज्ञान शिक्षा का एक प्रमुख केंद्र बनाने की दिशा में बड़ा कदम साबित होगा.