
वाराणसी: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने एक अहम फैसले में याचिकाकर्ता शुभम जायसवाल और अन्य पक्षकारों की गिरफ्तारी पर 17 दिसंबर 2025 तक रोक लगा दी है। अदालत ने यह आदेश 12 दिसंबर 2025 को पारित किया और सरकार को मामले की तैयारी के लिए एक सप्ताह का समय दिया है.
मामला NDPS एक्ट और ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक एक्ट के तहत कार्रवाई से जुड़ा है। याचिकाकर्ताओं के वकील ने अदालत में दलील दी कि यह मुकदमा NDPS एक्ट के तहत नहीं चलाया जा सकता क्योंकि कथित तौर पर जिस पदार्थ का लेनदेन हुआ, वह NDPS एक्ट की धारा 2(11) के तहत “निर्मित दवा” की श्रेणी में नहीं आता। साथ ही, याचिकाकर्ता ‘ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक एक्ट’ के तहत लाइसेंसधारी व्यापारी हैं, इसलिए कार्यवाही उसी अधिनियम के तहत होनी चाहिए थी.
याचिकाकर्ताओं में शुभम जायसवाल, विशाल कुमार जायसवाल, भोल प्रसाद, नीरज सेठ, प्रतीक मिश्रा, अंकित श्रीवास्तव, पप्पन यादव, खुशबू गोयल और में. मिलन ड्रग सेंटर सहित अन्य शामिल हैं.
जस्टिस सिद्धार्थ वर्मा और जस्टिस अचल सचदेव की खंडपीठ ने आदेश देते हुए कहा कि यह राहत आदेश केस के मेरिट पर विचार किए बिना दिया जा रहा है। साथ ही, अदालत ने याचिकाकर्ताओं को विवेचना (जांच) में पूरा सहयोग करने के निर्देश दिए.
अब यह मामला 17 दिसंबर 2025 को दोबारा सुना जाएगा। तब तक पुलिस को किसी भी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं करने का आदेश जारी है। इस आदेश से दवा कारोबारियों को अस्थायी राहत मिली है, लेकिन आगे अदालत क्या निर्णय देती है, इस पर सभी की नजरें टिकी रहेंगी.




