
Waqf Bill: सुप्रीम कोर्ट में चल रही वक़्फ़ बिल संसोधन को लेकर सुनवाई में आज सुप्रीम कोर्ट ने बिल के कुछ प्रावधानों में रोक लगा दी है. कोर्ट ने कहा की पूरे कानून रोकने का अधिकार उसके पास नहीं है लेकिन सुनवाई के दौरान उसने तीन धाराओं पर रोक जरूर लगाई है. कोर्ट ने कहा कि बोर्ड में तीन से ज्यादा गैर-मुस्लिम नहीं होने चाहिए. इसके अलावा वक़्फ़ एक्ट के अनुच्छेद 3 (74) पर भी रोक लगा दी है.

वक़्फ़ कानून में इन प्रावधानों में रोक...
वक़्फ़ कानून के तहत पहले वही मुस्लिम अपनी प्रॉपर्टी को वक़्फ़ घोषित कर सकता है जो पांच सालों से मुस्लिम धर्म का पालन कर रहा होगा. कानून के इस प्रावधान पर भी कोर्ट ने अभी रोक लगा दी है.तर्क दिया गया है कि, राज्यों को पहले अपने स्तर पर कानून बनाने की जरूरत है जिससे यह तय हो सके कि, किसे मुस्लिम माना जाए और किसे नहीं.

वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 को राष्ट्रपति ने दी है मंजूरी
गौरतलब है केंद्र सरकार ने वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 को 5 अप्रैल को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मंजूरी मिलने के बाद अधिसूचित किया था. लोकसभा ने इस विधेयक को 3 अप्रैल को 288 सदस्यों के समर्थन से पारित कर दिया, जबकि 232 सांसदों ने इसका विरोध किया. विधेयक के पक्ष में राज्यसभा में 128 और विपक्ष में 95 सदस्यों ने मतदान किया था.

इन 2 बड़ी धाराओं पर लगाई गई है रोक
सुप्रीम कोर्ट ने खासकर 5 साल की जरूरत वाले प्रावधान पर रोक लगाई है. अनुच्छेद 374 के साथ राजस्व रिकॉर्ड से संबंधित धारा पर रोक लगा दी है. साथ ही कहा है कि बोर्ड में 3 से ज्यादा गैर-मुस्लिम नहीं होने चाहिए. बोर्ड का CEO भी मुस्लिम होना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कलेक्टर को व्यक्तिगत नागरिकों के अधिकारों का निर्णय करने की अनुमति नहीं दी जा सकती. यह सेपरेशन ऑफ पावर्स (शक्तियों के पृथक्करण) के सिद्धांत का उल्लंघन होगा.
इन मुद्दों को लेकर दायर की थी याचिका
बता दें कि याचिकाकर्ताओं ने वक्फ कानून में तीन मुद्दों को उठाते हुए इसकी वैधता को चुनौती दी थी, लेकिन लगातार 3 दिन याचिका पर सुनवाई करने के बाद बेंच ने गत 22 मई को अंतरिम आदेश सुरक्षित रख लिया था. बेंच की अध्यक्षता खुद जस्टिस बीआर गवई ने की. याचिकाकर्ताओं ने स्टेट वक्फ बोर्ड और सेंट्रल वक्फ काउंसिल की संरचना पर भी सवाल उठाए. उन्होंने मांग की थी कि वक्फ बोर्ड में केवल मुसलमानों को ही शामिल किया जाना चाहिए. बता दें कि केंद्र सरकार ने वक्फ संशोधन अधिनियम को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मंजूरी के बाद अधिसूचित किया गया था.





