वाराणसी : भेलूपुर स्थित पैनेशिया हॉस्पिटल से जुड़े एक डॉक्टर पर स्वास्थ्य विभाग ने बड़ा शिकंजा कसा है . 30 अगस्त को खाद्य सुरक्षा विभाग और पुलिस की टीम ने उनके आवास पर छापेमारी की, जहां से अवैध वॉटर-फूड सप्लीमेंट का जखीरा बरामद हुआ . यह कार्रवाई तब और गंभीर मानी जा रही है क्योंकि उक्त डॉक्टर पहले ही आयुष्मान भारत योजना में फर्जीवाड़े के आरोप में निलंबित हो चुका है .
बिना लाइसेंस मिल रहे थे उत्पाद
जांच टीम के अनुसार डॉक्टर के घर से जो सप्लीमेंट जब्त किए गए हैं, वे न तो लाइसेंसशुदा थे और न ही किसी मानक प्रक्रिया का पालन कर बनाए गए थे. ऐसे उत्पाद सीधे लोगों के स्वास्थ्य के लिए खतरा बन सकते थे. अधिकारियों ने बताया कि यह सप्लीमेंट स्थानीय स्तर पर बेचे जा रहे थे और इनका कोई पंजीकरण या अनुमोदन नहीं था. मौके से बरामद सैंपल को जांच के लिए लैब में भेजा गया है .
पहले भी विवादों में रहा अस्पताल
पैनेशिया हॉस्पिटल का नाम इससे पहले भी विवादों में आ चुका है . आयुष्मान कार्ड योजना के तहत धोखाधड़ी के मामलों में अस्पताल और उससे जुड़े डॉक्टरों पर कार्रवाई की जा चुकी है . अब अवैध सप्लीमेंट बरामद होने के बाद अस्पताल और डॉक्टर की भूमिका पर गंभीर सवाल उठने लगे हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि जब इलाज करने वाले ही इस तरह की अवैध गतिविधियों में शामिल पाए जाएंगे तो आम मरीजों का भरोसा पूरी तरह टूट जाएगा .
स्वास्थ्य व्यवस्था की पारदर्शिता संग सुरक्षा पर बड़ा सवाल
यह मामला केवल एक डॉक्टर तक सीमित नहीं है बल्कि यह स्वास्थ्य व्यवस्था की पारदर्शिता और सुरक्षा पर बड़ा सवाल है . प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी और इस नेटवर्क को जड़ से खत्म करने के प्रयास जारी रहेंगे.