
वाराणसीः वाराणसी एंटी करप्शन की टीम ने शुक्रवार की सुबह वाराणसी कमिश्नरेट की महिला थाना कोतवाली की प्रभारी सुमित्रा देवी संग महिला सिपाही अर्चना राय को 10 हजार रुपये घूस लेते रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया. दूसरी ओर मुगलसराय थाने के समीप फायर ब्रिगेड कार्यालय के कर्मचारी सिपाही राजकमल को कार्यालय परिसर से घूस के पैसों के साथ रंगे हाथ दबोचा गया. महिला इंस्पेक्टर व सिपाही को गिरफ्तार कर जहां कैंट थाना लाया गया वहीं दमकल कर्मी को मुगलसराय थाना में रख लिखापढ़ी की जा रही है.

इस तरह गिरफ्त में आई महिला इंस्पेक्टर व सिपाही
बताया गया कि पीड़ित परिवार द्वारा दर्ज कराए केस में एक्शन लेने और आरोपियों के खिलाफ की जा रही विवेचना में आए मेराज अहमद निवासी भदोही का नाम निकालने के लिए महिला इंस्पेक्टर ने उससे 10 हजार रुपये रिश्वत मांगी थी. पहले से परेशान मेराज ने वाराणसी एंटी करप्शन के अधिकारियों से मिलकर इसकी शिकायत की. इसके बाद महिला इंस्पेक्टर को रंगे हाथ दबोचने की रणनीति बनाई गई. बताया गया कि मेराज को 10 हजार देकर सुबह महिला इंस्पेक्टर सुमित्रा देवी के पास भेजा गया. मेराज से उक्त रुपये बलिया निवासी सिपाही अर्चना राय ने लेकर रख लिए. इस बीच पहले से घात लगाए एंटी करप्शन की टीम ने इंस्पेक्टर व सिपाही को घेर लिया. इनके पास से बरामद घूस के रूपये पर लगे केमिकल से हाथ धुलवा कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया. उधर थाना में इंस्पेक्टर संग सिपाही की गिरफ्तारी की सूचना पाकर महिला थाना संग समीप के कोतवाली में थोड़ी देर के लिए वहां अफरातफरी मच गई. पुलिस कर्मियों की भीड़ जुटती देख एंटी करप्शन की टीम ने सभी को अगाह करते हुए रोक दिया और सुमित्रा देवी संग अर्चना राय को लेकर कैंट थाने पहुंच गई जहां उनके खिलाफ केस दर्ज करने की कार्रवाई शुरू कर दी गई.
प्रयागराज की रहने वाली हैं सुमित्रा देवी
एंटी करप्शन की कार्रवाई में गिरफ्तार महिला थाना की प्रभारी निरीक्षक सुमित्रा देवी मूल रूप से महमूदाबाद गंगा दीप कॉलोनी थाना झुंसी, प्रयागराज (इलाहाबाद) की रहने वाली हैं. सुमित्रा देवी 2010 बैच की दारोगा हैं. 2010 से 2021 तक वह लखनऊ के विभिन्न थाना व चौकियों का कार्यभार संभाल चुकी हैं. बीते 2 सितम्बर 2021 को इनका स्थानंतरण लखनऊ से वाराणसी किया गया था.
सिपाही को उसी के कार्यालय से दबोचा

उधर चंदौली में फायर ब्रिगेड के कांस्टेबल राजकमल को भी घूसे के रूपयों संग रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया. आरोप है सिपाही अस्पतालों, स्कूल-कॉलेजों और अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठानों से अग्नि सुरक्षा प्रमाणपत्र और NOC जारी करने के नाम पर बिना रिश्वत लिए उसे जारी नहीं करता था. बताया गया कि एक प्रतिष्ठान के लिए
एनओसी जारी करने के नाम पर 10 हजार रुपये मांगे थे. इसकी शिकायत पर एंटी करप्शन टीम ने शिकायतकर्ता को स्याही लगे नोटों के साथ सिपाही के पास भेजा. राजकमल ने रुपये लेकर उसे अपनी मेज की दराज में रखा ही था कि टीम के सदस्यों ने उसे वहीं दबोच लिया. इस दौरान सिपाही ने भागने की कोशिश की, लेकिन टीम के सदस्यों ने उसे घेरकर पकड़ लिया. इस दौरान परिसर से भागने के दौरा वहां मौजूद कुछ लोगों ने उसकी लात-घूसों से पिटाई भी की. इस घटना से मुगलसराय स्थित अग्निशमन अधिकारी के कार्यालय में हड़कंप मच गया.




