
वाराणसी: ज़िले में शिया और सुन्नियों की वक़्फ़ संपत्तियों को उम्मीद पोर्टल पर अपलोड करना केंद्र सरकार ने अनिवार्य कर दिया है. इसके लिए 5 दिसंबर आखिरी तारीख़ तय की गई है. इसके बाद अपलोड न करने की स्थिति में मुतावल्लियों पर जुर्माने के साथ ही कानूनी कारवाई की जाएगी.
रविवार की सुबह 11बजे वाराणसी के कमल गढ़हा स्थित मदरसा जामिआ अरबिया मतलाउल ओलूम में उम्मीद पोर्टल पर वक़्फ़ संपत्ति को अपलोड करने के लिए मुतावल्लियों को प्रशिक्षण दिया गया. उत्तर प्रदेश सुन्नी सेन्ट्रल बोर्ड लखनऊ से आए मास्टर ट्रेनर व कार्य पालक अधिकारी अहमद मुबीन किदवई और मुजाहिद रहमान ने प्रोजेक्टर के ज़रिये मुतावल्लियों को प्रशिक्षण दिया.
सरा खतौनी के साथ ही आधार कार्ड भी ज़रूरी
प्रशिक्षण के दौरान बताया कि उन्हें अपनी उन वक़्फ़ संपत्तियों का विवरण उम्मीद पोर्टल पर अपलोड करना है। इसके लिए ज़रूरी दस्तावेज़ खसरा खतौनी के साथ ही आधार कार्ड भी ज़रूरी है. बताया कि सरकार ने वक़्फ़ संपत्तियों की सुरक्षा और उनके digitalization के लिए पहल की है. मुतावल्लियों को बताया गया कि उन्हें हरहाल में 5 दिसंबर तक इन्हें अपलोड कर देना है. मुतावल्लियों ने इस बारे में और जानकारी भी हासिल की. इस दौरान अब्दुल्लह फैसल, अब्दुल्लाह शाहिद, मिर्ज़ा सैफ आदि कोआर्डी नेटर के अलावा एडवोकेट अख़लाक़, मुंशी एजाज़, हाजी खुर्शीद, असलम अलमारी, मो. शहाबुद्दीन मौजूद रहे।
ज़िलेंभर में 2610 वक़्फ़ संपत्तियां
वाराणसी में कुल 2610 वक़्फ़ संपत्तियां दर्ज हैं। इनमें कब्रिस्तान, मस्जिदें, दरगाह, इमामबाड़े, खानकाहे और मदरसे शामिल हैं. संयोजक मिर्ज़ा सैफ के अनुसार इन 2610 संपत्तियों में 104 शिया और 2506 सुन्नियों की हैं.
20 हज़ार से एक लाख रुपये तक का जुर्माना
मास्टर ट्रेनर व कार्यपालक अधिकारी ,यूपी सुन्नी सेंट्रल वक़्फ़ बोर्ड लखनऊ अहमद मुबीन किदवई ने जानकारी दी कि वक़्फ़ संपत्तियों की सुरक्षा और उन पर हो रहे कब्ज़े को देखते हुए सरकार ने इनकी जानकारी उम्मीद पोर्टल पर अपलोड करने का फरमान जारी किया है. 5 दिसंबर तक इसे पूरा करना है। इसके बाद इसे अपलोड नहीं करने पर 20 हज़ार से एक लाख रुपये तक का जुर्माना और कानूनी कार्रवाई की जाएगी.





