
वाराणसीः इस वर्ष का दूसरा और अंतिम पूर्ण चंद्र ग्रहण कल यानि 7 सितंबर को लगने जा रहा है. यह पूरा ग्रहण लगभग 3 घंटे 28 मिनट तक चलेगा और भारत के सभी हिस्सों में आसानी से दिखाई देगा. इस चंद्रग्रहण में गर्भवती महिलाओं को विशेष रूप से सावधानी बरतने की सलाह दी गई है. कहां गया है कि वह किसी भी नुकीली वस्तु का इस दौरान उपयोग न करें साथ ही कोशिश करे कि उन्हें घर से बाहर न निकलना पड़े. सबसे बड़ी बात यह कि वह ग्रहण को सीधे न देखें. कहा जाता है कि इस दौरान केवल भगवान का नाम जपना, मंत्र जाप करना और ध्यान लगाना ही शुभ होता है. ऐसा विश्वास है कि ग्रहण के समय किए गए मंत्रों की शक्ति कई गुना बढ़ जाती है, जिससे आध्यात्मिक लाभ होता है.
भारत में इस समय लगेगा चंद्रग्रहण
इस बार के चंद्र ग्रहण का खगोलीय नजारा भारतीय समय अनुसार रात 9 बजकर 58 मिनट पर शुरू होगा और 8 सितंबर की रात 1 बजकर 26 मिनट पर समाप्त होगा. इस दौरान चंद्रमा पूरी तरह से पृथ्वी की छाया में डूब जाएगा, जिसे अक्सर 'ब्लड मून' कहा जाता है. इसे 'ब्लड मून' की उपाधि इसलिए दी जाती है क्योंकि चंद्रमा उस समय हल्के लाल रंग का दिखाई देता है, जो पृथ्वी के वायुमंडल से छनकर आने वाले सूर्य के प्रकाश के कारण होता है.

साथ में रहेगा सूतक काल, बरतें सावधानी
इस बार सूतक काल दोपहर 12 बजकर 57 मिनट से शुरू होगा, जो ग्रहण मोक्ष यानी समाप्ति के समय रात 1:26 बजे तक जारी रहेगा. चंद्र ग्रहण के समय सूतक काल लगता है, जिसे एक अशुभ या अपवित्र काल माना जाता है. सूतक काल के दौरान कई प्रकार के प्रतिबंध और सावधानियां बरती जाती हैं. इस अवधि में मंदिरों के पट बंद कर दिए जाते हैं. साथ ही इस दौरान पूजा-पाठ, भोजन बनाना या भोजन करना वर्जित माना जाता है.

इस राशि के लोग रहे सावधान, करे यह कार्य
यह चंद्रग्रहण कई ज्योतिषीय योगों के साथ आ रहा है, जो कुछ राशि के जातकों के लिए विशेष सावधानी बरतने का संकेत भी दे रहा है. ज्योतिष के अनुसार, यह चंद्र ग्रहण और भी खास है क्योंकि यह शनि की राशि कुंभ और गुरु के नक्षत्र पूर्वाभाद्रपद में लग रहा है. इसके साथ ही, राहु चंद्रमा के साथ युति बना रहा है, जिससे 'ग्रहण योग' बनता है. यह योग कुछ राशियों के लिए थोड़ी मुश्किलें लेकर आ सकता है और उन्हें विशेष रूप से सतर्क रहने की आवश्यकता होगी.

कुंभ राशि: चूंकि ग्रहण कुंभ राशि में ही लग रहा है, इसलिए इस राशि के जातकों के लिए यह समय काफी संवेदनशील माना जा रहा है. उन्हें व्यक्तिगत और व्यावसायिक जीवन में सतर्क रहना होगा. इसलिए कुंभ राशि के लोगों को महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना विशेष रूप से फलदायी होगा, क्योंकि यह नकारात्मक ऊर्जाओं को शांत करता है.
तुला राशि: तुला राशि के लोगों को मानसिक तनाव और धन के मामलों में नुकसान झेलना पड़ सकता है. उन्हें आर्थिक निर्णयों में विशेष सावधानी बरतनी चाहिए. तुला राशि वालों को देवी लक्ष्मी की पूजा करना और वस्त्र दान करना शुभ माना जाता है.
वृषभ राशि: इस राशि के जातकों को स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं और व्यापार में चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है. इसलिए वृषभ राशि के लोगों को सफेद वस्त्र पहनना और दूध का दान करना लाभकारी रहेगा.




